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कैरेमल पॉपकॉर्न पसंद है आशुतोष को

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बर्थडे स्पेशल आशुतोष गोवारिकर के बर्थडे पर अभिषेक बच्चन बता रहे हैं उनके बारे में ... प्रस्तुति-अजय ब्रह्मात्मज आशुतोष गोवारिकर मेरे घनिष्ठ मित्र हैं। उनसे पहली मुलाकात अच्छी तरह याद है। उनके गले में चाकू घोंपा हुआ था। चाकू गले को आर-पार कर रहा था। उनके गले से खून निकल रहा था। वे सेट पर चहलकदमी करते हुए अपने शॉट का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने यह गेटअप ‘इंद्रजीत’ फिल्म के लिए लिया था। उस फिल्म में मेरे डैड अमिताभ बच्चन थे। उस फिल्म को रोज मूवीज ने प्रोड्यूस किया था। गोल्डी के पिता का तभी देहांत हुआ था तो वे अपनी बहन सृष्टि के साथ सेट पर आते थे। एक दिन मैं भी गया था तो मैंने आशुतोष को इस अवस्था में देखा। वे इस फिल्म में कैरेक्टर आर्टिस्ट का रोल प्ले कर रहे थे।     उसके बाद मैं जिन दिनों असिस्टैंट डायरेक्टर और अपनी कंपनी का प्रोडक्शन का काम देख रहा था तो उन्होंने मुझे ‘लगान’ की स्क्रिप्ट सुनाई थी। मुझे वह फिल्म बेहद पसंद आई थी। मैंने कहा था कि यह फिल्म जरूर बननी चाहिए। उसके बाद हम पार्टियों और बैठकों में सामाजिक तौर पर मिलते रहे। हमारे संबंध हमेशा मधुर रहे। ऐश्वर्या ने उनके साथ ‘जोधा अ

प्रागैतिहासिक प्रेमकहानी

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-अजय ब्रह्मात्‍मज मेरे प्रिय निर्देशकों में से एक आशुतोष गोवारिकर ने में प्रिय अभिनेताओं में से एक रितिक रोशन के साथ मोहनजो दाड1ों की शूटिंग भुज में आरंभ की। सिंधु घाटी की सभ्‍यता की इस प्रागैतिहासिे प्रेमकहानी में रितिक रोशन की प्रमिका पूजा हेगड़े हैं। लगान,जोधा अकबर और खेलें हम जी जान से की सफलता-विफलता के बाद आशुतोष गोवारिकर ने फिर से साहसिक पहल की है। हिंदी पिफल्‍मों के इतिहास की यह प्राचीनतम प्रेमकहानी होगी। यह देखना रोचक होगा कि आशुतोष अपने विशेषसों की मदद से कैसी दुनिया रचते हैं ? मोहनजो दाड़ो को लेकर उत्‍सुकता बनी रहेगी। आप बताएं कि आप कितने उत्‍सुक हैं और क्‍या अपेक्षाएं रखते हैं ?

आशुतोष गोवारिकर ले आएंगे ‘एवरेस्ट’

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-अजय ब्रह्मात्मज     आशुतोष गोवारिकर टीवी पर आ रहे हैं। 1987 से 1999 के बीच कुछ धारावाहिकों और फिल्मों में अभिनय करने के बाद आशुतोष गोवारिकर ने ‘लगान’ फिल्म के निर्देशन से बड़ी सफलता हासिल की। ‘लगान’ से पहले वह ‘पहला नशा’ और ‘बाजी’ जैसी चालू फिल्में निर्देशित कर चुके थे। ‘लगान’ के बाद उन्होंने ‘स्वदेस’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी फिल्में निर्देशित कीं। उनकी पिछली दो फिल्में ज्यादा नहीं चलीं। फिलहाल उन्होंने रितिक रोशन के साथ ‘मोहनजोदाड़ो’ की घोषणा की है। इसकी शूटिंग अक्टूबर में आरंभ होगी। अक्टूबर में ही उनके निर्देशन में बन रहे टीवी शो ‘एवरेस्ट’ का प्रसारण आरंभ होगा।     टीवी शो ‘एवरेस्ट’ की कहानी है। वह अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए एक एडवेंचर पर निकलती है। शो की जानकारी देते हैं आशुतोष गोवारिकर,‘यह 21 साल की एक लडक़ी की कहानी है,जिसे आज पता चला है कि उसके पिता नहीे चाहते थे कि उसका जन्म हो। उनकी समझ में बेटियां बेटों के मुकाबले में कमतर होती हैं। बेटा होता तो वह मेरे सपने पूरा करता। वह अपने पिता से बेइंतहा प्यार करती है,लेकिन इस जानकारी से हतप्रभ रह जाती है। वह अपने पिता से न

फिर से साथ आ रहे हैं आशुतोष गोवारिकर और रितिक रोशन

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-अजय ब्रह्मात्मज     आशुतोष गोवारिकर और रितिक रोशन की डायरेक्टर-स्टार जोड़ी एक बार फिर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बन रही प्रेमकहानी ‘मोहनजोदाड़ो’ में दिखेगी। आशुतोष गोवारिकर और रितिक रोशन दोनों इस फिल्म को लेकर उत्साहित हैं। ‘मोहनजोदाड़ो’ सिंधु घाटी की सभ्यता की प्रेमकहानी है, जिसमें रितिक रोशन नायक की भूमिका निभाएंगे। नायिका का चुनाव अभी तक नहीं हुआ है। अक्टूबर-नवंबर में आरंभ हो रही इस फिल्म का सेट ‘लगान’ और ‘जोधा अकबर’ की तरह विशाल एवं विस्तृत होगा। सेट के लिए समुचित स्थान की खोज जारी है। ‘मोहनजोदाड़ो’  की घोषणा पर रितिक रोशन कहते हैं, ‘आशुतोष के साथ फिल्म करना शारीरिक और मानसिक तौर पर चुनौती है। उनके असामान्य किरदारों को पर्दे पर उतारना आसान नहीं होता। मेरे लिए खुशी की बात है कि देश-दुनिया में विख्यात सिंधु घाटी की सभ्यता के समय के किरदार को जीने का मौका मिलेगा।’ अपनी फिल्मों की भव्यता और गहराई के लिए विख्यात आशुतोष गोवारिकर ‘मोहनजोदाड़ो’ को पिछली फिल्मों से अधिक मुश्किल मानते हैं। वे कहते हैं, ‘मुझे प्रेमकहानियां पसंद हैं। मैं अलग-अलग पीरियड की प्रेम कहानियां पेश करने में यकीन रखता

दरअसल:आशुतोष की युक्ति, प्रियंका की चुनौती

- अजय ब्रह्मात्मज आशुतोष गोवारीकर ने अपनी नई फिल्म ह्वाट्स योर राशि? के लिए अपनी गंभीर मुद्रा छोड़ी है। लगान के बाद वे लंबी और गंभीर फिल्में ही निर्देशित करते रहे। आशुतोष को करीब से जो लोग जानते हैं, वे उनके विनोदी स्वभाव से परिचित हैं। ऐसा लगता है कि हरमन बवेजा और प्रियंका चोपड़ा की इस फिल्म में लोग आशुतोष के इस रूप से परिचित होंगे। फिल्म ह्वाट्स योर राशि? गुजराती के उपन्यासकार मधु राय की कृति किंबाल रैवेंसवुड पर आधारित है। मधु वामपंथी सोच के लेखक हैं। उन्होंने इस कृति में भारतीयता की खोज में भारत लौट रहे आप्रवासी भारतीयों की समझ का मखौल उड़ाया है। वे भारत के मध्यवर्गीय परिवारों पर भी चोट करते हैं। उपन्यास के मुताबिक योगेश ईश्वर पटेल पर दबाव है कि वह भारत की ऐसी लड़की से शादी करे, जो सुसंस्कृत और भारतीय परंपरा में पली हो। भारत आने के बाद योगेश को अहसास होता है कि भारत की लड़कियों का नजरिया और रहन-सहन बदल चुका है। योगेश की इन मुठभेड़ों पर ही कहानी रची गई है। वर्षो पहले 1989 में केतन मेहता ने इसी उपन्यास पर मिस्टर योगी नाम का धारावाहिक बनाया था। धारावाहिक में मोहन गोखले ने योगेश की

दरअसल:मखौल बन गए हैं अवार्ड समारोह

-अजय ब्रह्मात्मज पहली बार किसी ने सार्वजनिक मंच से अवार्ड समारोहों में चल रहे फूहड़ संचालन के खिलाफ आवाज उठाई है। आशुतोष गोवारीकर ने जोरदार तरीके से अपनी बात रखी और संजीदा फिल्मकारों के उड़ाए जा रहे मखौल का विरोध किया। साजिद खान और फराह खान को निश्चित ही इससे झटका लगा होगा। उम्मीद है कि भविष्य में उन्हें समारोहों के संचालन की जिम्मेदारी देने से पहले आयोजक सोचेंगे और जरूरी हिदायत भी देंगे। पॉपुलर अवार्ड समारोहों में मखौल और मजाक के पीछे एक छिपी साजिश चलती रही है। इस साजिश का पर्दाफाश तभी हो गया था, जब शाहरुख खान और सैफ अली खान ने सबसे पहले एक अवार्ड समारोह में अपनी बिरादरी के सदस्यों का मखौल उड़ाया था। कुछ समय पहले सैफ ने स्पष्ट कहा था कि उस समारोह की स्क्रिप्ट में शाहरुख ने अपनी तरफ से कई चीजें जोड़ी थीं। मुझे बाद में समझ में आया कि वे उस समारोह के जरिए अपना हिसाब बराबर कर रहे थे। आशुतोष गोवारीकर और साजिद खान के बीच मंच पर हुए विवाद को आम दर्शक शायद ही कभी देख पाएं, लेकिन उस शाम के बाद अवश्य ही साजिद जैसे संचालकों के खिलाफ एक माहौल बना है। गौर करें, तो साजिद और उन जैसे संचालक गंभीर और

जोधा अकबर के १०० दिन और उसके कटे दृश्य

जोधा अकबर के १०० दिन हो गए.इन दिनों हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री में १०० दिनों और ५० दिनों की भी पार्टियाँ होती हैं.पहले फिल्में सिल्वर जुबली और गोल्डेन जुबली मनाती थीं.२१ वीं सदी में सिल्वर और गोल्डेन जुबली सपना हो गई हैं.आजकल तो पहले दिन की अच्छी शुरूआत हो जाए तो अल दिन या रविवार तक सुपर हित के पोस्टर लग जाते हैं.जन्नत के साथ ऐसा हुआ है। बहरहाल,जोधा अकबर के १०० दिन पूरे होने के अवसर पर निर्देशक और निर्माता आशुतोष गोवारिकर ने पार्टी दी.चवन्नी भी वहाँ गया था.इस पार्टी में उन्होंने फ़िल्म के कटे हुए दृश्य दिखाए.आशुतोष ने बताया की उन्होंने पहले सब कुछ स्क्रिप्ट के मुताबिक शूट कर लिया था.बाद में फ़िल्म संपादित करते समय उन्होंने दृश्य काटे. इस मौके पर उन्होंने सारे कटे दृश्य दिखाए.कुछ अत्यन्त मार्मिक और महत्वपूर्ण दृश्य थे,लेकिन फ़िल्म की लम्बाई की वजह से उन्हें रखने का मोह आशुतोष को छोड़ना पड़ा। अकबर के दरबार में बीरबल की एंट्री का दृश्य रोचक और जानदार था.कैसे महेश दास नाम का व्यक्ति अकबर को अपनी हाजिरजवाबी से खुश करता है और दरबार में जगह पाता है.कैसे मुल्ला दो प्याजा उसे दरबार में आने से रोकने

पहली सीढ़ी:आशुतोष गोवारिकर से अजय ब्रह्मात्मज की बातचीत

पहली सीढ़ी सीरिज में इस बार प्रस्तुत है आशुतोष गोवारिकर से हुई बातचीत.यह बातचीत जोधा अकबर की रिलीज से पहले हुई थी.आशुतोष ने इस बातचीत को बहुत गंभीरता से लिया था और पूरे मनोयोग से सभी प्रश्नों के उत्तर दिए थे। आपका बचपन कहाँ बीता। आप मुंबई के ही हैं या किसी और शहर के...? सिनेमा से आपका पहला परिचय कब हुआ? - मेरा जन्म मुंबई का ही है। मैं बांद्रा में ही पला-बढ़ा हूँ। जिस घर में मेरा जन्म हुआ है, उसी घर में आज भी रहता हूँ। फिल्मों से मेरा कोई संबंध नहीं था। मैं जब स्कूल में था, तो तमन्ना भी नहीं थी कि फिल्मों में एक्टिंग करूँगा। मेरे पिताजी एक पुलिस ऑफिसर रह चुके हैं। ऐसा भी नहीं था कि उनका कोई फिल्मी संबंध हो। जिस बंगले में मैं रहता था, वह बंगला कुमकुमजी का था। कुमकुमजी ने मदर इंडिया और अन्य कई फिल्मों में काम किया। कुमकुमजी को हम लोग पहचानते थे। उस समय उनके घर पर काफी सारे स्टारों का आना-जाना था। तीसरी कक्षा में मैंने एक नाटक किया था। उसमें मैंने पीछे खड़े एक सिपाही का किरदार किया। मेरा कोई डायलॉग नहीं था। उस नाटक का प्रसारण दूरदर्शन पर हुआ था। लेकिन दिमाग में खयाल नहीं आया कि एक्टिंग करना ह

दोषी आप भी हैं आशुतोष...

पिछले शुक्रवार से ही यह ड्रामा चल रहा है.शनिवार की शाम में पत्रकारों को बुला कर आशुतोष गोवारिकर ने सफ़ाई दी और अपना पक्ष रखा.ये सारी बातें वे पहले भी कर सकते थे और ज्यादा जोरदार तरीके से गलतफहमियाँ दूर कर सकते थे.जोधा अकबर को नुकसान पहुँचने के दोषी आशुतोष गोवारिकर भी हैं.उनका साथ दिया है फ़िल्म के निर्माता रोनी स्क्रूवाला ने...जी हाँ निर्देशक-निर्माता फ़िल्म के माता-पिता होते हैं,लेकिन कई बार सही परवरिश के बावजूद वे ख़ुद ही संतान का अनिष्ट कर देते हैं.जोधा अकबर के साथ यही हुआ है। मालूम था कि जोधा अकबर में जोधा के नाम को लेकर विवाद हो सकता है.आशुतोष चाहते तो फौरी कार्रवाई कर सकते थे.समय रहते वे अपना पक्ष स्पष्ट कर सकते थे.कहीं उनके दिमाग में किसी ने यह बात तो नहीं भर दी थी कि विवाद होने दो,क्योंकि विवाद से फ़िल्म को फायदा होता है.जोधा अकबर को लेकर चल रह विवाद निरर्थक और निराधार है.लोकतंत्र में विरोध और बहस करने की छूट है,लेकिन उसका मतलब यह नहीं है कि आप तमाम दर्शकों को फ़िल्म देखने से वंचित कर दें। सरकार को इस दिशा में सोचना चाहिए कि सेंसर हो चुकी फ़िल्म का प्रदर्शन सही तरीके से हो.इस प्

एपिक रोमांस है जोधा अकबर : आशुतोष गोवारिकर

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आशुतोष गोवारिकर से अजय ब्रह्मात्मज की लंबी बातचीत का यह एक हिस्सा है.कभी मौका मिला तो पूरी बातचीत भी आप यहाँ पढ़ सकेंगे... मध्ययुगीन भारत की प्रेमकहानी ही क्यों चुनी और वह भी मुगल काल की? मैंने यह पहले से नहीं सोचा था कि मुगल पीरियड पर एक फिल्म बनानी है। लगान के तुरंत बाद हैदर अली ने मुझे जोधा अकबर की कहानी सुनायी। कहानी का मर्म था कि कैसे उनकी शादी गठजोड़ की शादी थी और कैसे शादी के बाद उनके बीच प्रेम पनपा। मुझे उस कहानी ने आकर्षित किया। आखिर किस परिस्थिति में आज से 450 साल पहले एक राजपूत राजकुमारी की शादी मुगल शहंशाह से हुई? मुझे लगा कि यह भव्य और गहरी फिल्म है और उसके लिए पूरा शोध करना होगा। हमने तय किया कि पहले स्वदेस पूरी करेंगे और साथ-साथ जोधा अकबर की तैयारियां शुरू कर देंगे। दूसरा एक कारण था कि मैं एक रोमांटिक लव स्टोरी बनाना चाहता था। लगान और स्वदेस में रोमांस था, लेकिन वे रोमांटिक फिल्में नहीं थीं। मुझे 1562 की यह प्रेमकहानी अच्छी लगी कि कैसे दो धर्म और संस्कृति के लोग साथ में आए और कैसे शादी के बाद दोनों के बीच प्रेम हुआ। आप इसे एपिक रोमांस कह रहे हैं। इतिहास के पन्नों से ली ग

जोधा अकबर की पहली झलक

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चवन्नी को याद नही कि कभी किसी निर्माता या निर्देशक ने अपनी फिल्म के ट्रेलर बेखने के लिए मीडिया को औपचारिक निमंत्रण दिया हो.आशुतोष गोवारिकर ने १० तारीख को ट्रेलर देखने का निमंत्रण भेजा है.जोधा अकबर में ऐश्वर्या राय जोधा की भूमिका निभा रही हैं और अकबर बने हैं हृतिक रोशन .यह फिल्म पहले १२ अक्तूबर को रिलीज होने वाली थी.अब यह अगले साल आएगी.१० तारीख को पहली झलक देखने के बाद चवन्नी आप को ट्रेलर के बारे में बतायेगा.