Posts

Showing posts with the label आज के निर्दशकों की नजर में गुरू दत्त

दरअसल : आज के निर्दशकों की नजर में गुरू दत्त

‘’ -अजय ब्रह्मात्मज     पिछले दिनों विनोद चोपड़ा फिल्म्स और ओम बुक इंटरनेशनल ने दिनेश रहेजा और जितेन्द्र कोठारी के संपादन में गुरू दत्त फिल्म्स की तीन फिल्मों ‘साहब बीवी और गुलाम’,‘चौदहवीं का चांद’ और ‘कागज के फूल’ की स्क्रिप्ट जारी की। इस अवसर पर तीन युवा निर्देशकों अनुराग कश्यप,फरहान अख्तर और दिबाकर बनर्जी को आमंत्रित किया गया था। तीनों ने अपने लिए गुरू दत्त की प्रासंगिकता पर बातें कीं। इन दिनों हिंदी फिल्मों पर किताबों की बौछार चल रही है। दस्तावेजीकरण हो रहा है। अफसोस है कि हिंदी प्रकाशक अपने प्रिय लेखकों से ही सिनेमा पर भी लिखवा रहे हें। उन्हें यह परवाह नहीं है कि उनके प्रकाशन की कोई उपयोगिता भी है या नहीं? बहरहाल,गुरू दत्त के बारे तीनों निर्देशकों की राय सुनना रोचक रहा।     तरंग के पाठकों के लिए मैं उनकी बातों के कुछ अंश प्रस्तुत कर रहा हूं: अनुराग कश्यप- गुरू दत्त की प्यासा मेरी पहली फिल्म थी। इस फिल्म से ही गुरू दत्त से मेरा परिचय हुआ। उसका असर ऐसा हुआ कि आज भी उस फिल्म की छवियां मेरा पीछा करती हैं। दस फिल्म के एक गाने से प्रेरित होकर मैंने पूरी फिल्म बना दी। ‘गुलाल’ इसी फिल्म