गणेश क्यों सुपरस्टार हैं और कार्तिक क्यों नहीं?-राम गोपाल वर्मा
१६ जनवरी २००९ को राम गोपाल वर्मा ने यह पोस्ट अपने माई ब्लॉग पर लिखी है.यहाँ चवन्नी के पाठकों के लिए उसी पोस्ट को हिन्दी में पेश किया जा रहा है.उम्मीद है रामू की इस पोस्ट का मर्म समझा जा सकेगा. मेरे लिए यह हमेशा रहस्य रहा है कि कोई क्यों जिंदगी में कामयाब हो जाता है और कोई क्यों नहीं हो पाता? यह सिर्फ प्रतिभा या भाग्य की बात नहीं है। मेरे खयाल में इसका संबंध अचेतन प्रोग्रामिंग से होता है, जरूरी नहीं है कि उसे डिजाइन किया गया हो या उसके बारे में सोचा गया हो। बीते सालों में मैंने कई ऐसे अनेक एक्टर और टेक्नीशियन देखे, जिनके बारे में मेरी ऊंची राय थी, लेकिन वे कुछ नहीं कर सके और जिन्हें मैं औसत या मीडियाकर समझता रहा वे शिखर पर पहुंच गए। ऐसा नहीं है कि मैं इस विषय का अधिकारिक ज्ञाता हूं, लेकिन जिस समय मैं ऐसा सोच रहा था … मेरे आसपास के लोग भी वही राय रखते थे। इसकी सबसे सरल व्याख्या है 'एस' यानी 'सफलता' । लेकिन सफलता का मतलब क्या है? सफलता वास्तव में प्राथमिक तौर पर ज्यादातर लोगों की स्वीकृति है कि फलां आदमी बहुत ही अच्छा है। लेकिन यह कैसे पता चले कि इतने सारे लोग क्या सोच रह