दरअसल : मनीष शर्मा की लगन और मेहनत
-अजय ब्रह्मात्मज मनीष शर्मा निर्देशित ‘ फैन ’ की चौतरफा तारीफ हो रही है। शाह रुख खान के प्रशंसकों को उनका अभिनेता मिल गया है। कहा और माना जा रहा है कि एक अर्से के बाद शाह रुख खान ने अपनी योग्यता और क्षमता का सदुपयोग किया है। वे अनुभवी और समझदार अभिनेता हैं। उन्होंने सधे निर्देशकों के साथ बेहतरीन और यादगार फिल्में की हैं। वे फिल्में बाक्स आफिस पर भी चली हैं। अच्छी बात है कि वे घोर कमर्शियल फिल्में करते समय भी किसी शर्म या अपराध बोध से ग्रस्त नहीं रहते हैं। सुधी समीक्षकों और फिल्म प्रेमियों की अपने प्रिय कलाकारों से मांग रहती है कि वे केवल सार्थक फिल्मों मकें ही काम करें। गौर करें तो कोई भी कलाकार निरर्थक फिल्में नहीं करना चाहता। फिर भी यह सच्चाई है कि हिंदी फिल्मों का मुख्य उद्देश्य और लक्ष्य दर्शकों का मनोरंजन करना होता है। दशकों के प्रयोग और विस्तार से हिंदी फिल्मों का एक ढांचा बना गया है। अधिकांश फिल्मकार उसी ढांचे में काम करते हैं। एक बार सफल हो गए तो आगामी फिल्मों में उसी सफलता को दोहराना चाहते हैं। ‘ निर्देशक मनीष शर्मा की पहली फिल्म है ‘ फेन ’ । च