ब्लॉग पर बेलाग बच्चन

बच्चन यानि बिग बी यानि अमिताभ बच्चन को इस अंदाज में आपने नहीं देखा होगा.आप जरा उनके ब्लॉग पर जाएं और उनकी छींटाकशी देखें। उन्होंने चौथे दिन के ब्लॉग में शत्रुघ्न सिन्हा पर सीधा आरोप लगाया है.पिछले दिनों शत्रु भइया ने अपने अंदाज में कहा कि आईफा के नामांकन की क्या बात करें?वहाँ कोई किसी का बेटा है,कोई किसी कि बहु है और कोई किसी कि बीवी है.उनकी इस टिपण्णी के आशय को समझते हुए बिग बी चुप नहीं रहे.उन्होंने रवीना टंडन को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के समय के विवाद का जिक्र किया और बताया कि कि कैसे तब कि जूरी में पूनम सिन्हा की सिफारिश पर मैकमोहन को शामिल किया गया था.जो लोग नहीं जानते उनकी जानकारी के लिए चवन्नी बता दे कि शत्रुघ्न सिन्हा कि पत्नी हैं पूनम सिन्हा.बहरहाल,बिग बी के ब्लॉग से लग रहा है कि वे सभी को जवाब देने के मूड में हैं।
उन्होंने एक साल पहले आउटलुक पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट में शामिल टिप्पणीकारों को भी नहीं बख्शा है.उन्होंने सुनील गंगोपाध्याय,राजेंद्र यादव,प्रभाष जोशी और परितोष सेन को जो पत्र लिखे थे,उन्हें सार्वजनिक कर दिया है.उन्होंने सभी को चुनौती दी है कि वे अपनी टिप्पणियों को सही ठहराएँ.उन्होंने लोकतांत्रिक और सेकुलर देश में रहने काहवाला देते हुए कहा है कि उन्हें अपने धर्म के पालन का पूरा अधिकार है .एक जगह वे ख़ुद को हिंदू कहते हैं।
बिग बी यानि अमिताभ बच्चन के ब्लॉग को पढ़ना रोचक अनुभव हो सकता है.आप पढ़ें और देखें कि हमारे आइकन कि क्या चिंताएं हैं.वे भी आम ब्लॉगर की तरह पहले अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.उन्हें ऐसा लगता है कि मीडिया ने उनके साथ हमेशा अन्याय किया है.इस ब्लॉग के जरिये वे स्सेधे अपने पाठकों और दर्शकों से सम्बन्ध बना रहे हैं।
शिकायत और गुस्से तक ही उनका ब्लॉग सीमित नहीं रहता.वे बेलाग तरीके से विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय भी जाहिर करते हैं.पहली बार अमिताभ बच्चन के उदगार पढने को मिल रहे हैं.आप यह भी देखें कि वे कितने व्यस्त हैं,फिर भी अपनी पोस्ट करते हैं.रात के तीन और चार बजे उन्होंने पोस्ट अपडेट किए हैं।
चवन्नी को पूरी उम्मीद है कि इस ब्लॉग के जरिये हम देश के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को करीब से जान पाएंगे.

Comments

ज़रूरी है। इससे अमिताभ को इंसान की तरह समझने लगेंगे लोग। वैसे, अमिताभ के ब्लॉग का लिंक भी आपने दिया होता तो अच्छा रहता।
debashish said…
सच कहूँ अजय जी तो मुझे लगता है कि यह सिर्फ भूतनाथ के प्रमोशन की तिकड़म है। ब्लॉग का जो भी Ghost लेखक है वो बस पुराने पत्राचार वगैरह उठाकर छाप रहा है। अगले पोस्ट में शायद भूतनाथ फिल्म की कुछ ट्रीविया शुरु कर दें। फिल्म हाल से उतरी नहीं कि ये ब्लॉग भी ठप्प पड़ जायेगा। इंटरनेट का ज़माना है तो पब्लिसिटी गिमिक थोड़े बदल गये हैं बस :) आप क्या सोचते हैं?
azdak said…
हमारी समझ भी देबाशीष बाबू के पीछे-पीछे ही चल रही है. बच्‍चन बाबू और कुछ बाद में होंगे, पहले बनिया हैं, और नयी उम्र के बच्‍चों को लुलुआने के लिए यह कोई नया गिमिक होगा नहीं, है.. आप देखियेगा, छह महीने बाद यह ब्‍लॉग किस गड़ही में गिरा गेंगें कर रहा होगा..
हमारी राय पहले से ही यह है की साइट ने अपने प्रमोशन के लिए पैसे दे कर नाम खरीदा है, लिखता कोई और होगा.
Unknown said…
अभी जिस समर्पण भाव से अमिताभ बच्चन लिख रहे हैं,उस से लगता है कि ब्लॉग दीर्घजीवी होगा.
जिन भी ब्लोगियों ने कमेन्ट दिए हैं वो शायद बिग बी की ब्लोगीय सफलता से जल भुन गए लगते हैं. (कहाँ हम २-३ सालों से पोस्ट दर पोस्ट अंगुलियाँ तोड़ रहे हैं फ़िर भी चर्चा भी नहीं होती पर इसके ४-५ पोस्ट पुराने ब्लॉग पर देखो तो हजारों मैं टिप्पणियां आ रहीं हैं!). अरे सरकार लोगों, याद करो आमिर खान ने भी 'तारे ज़मीं पर' की रिलीज़ से पहले ब्लॉग बनाया था, तब भी भाई लोगों ने बोला था की जिमिक है, महीने भर बाद देखना ब्लॉग वीरान मिलेगा. खैर, आज भी आमिर पोस्ट कर ही रहे हैं, वैसे भी पब्लिक डोमेन में विशिष्ट माने जाने वाले लोग अपना नजरिया बिना कांट-छाँट के दुनिया के सामने रखना चाहते हैं, अपने ऊपर पैदा किए जा रहे विवादों, फालतू की अफवाहों और तोहमतों का जवाब देने का ब्लॉग से बेहतर मध्यम क्या हो सकता है (Outlook को दिया जवाब देख लें). ऊपर पिछली तीन टिप्पणियों के ब्लोगरों के ब्लॉग पर जा कर देखें, ये तीनों अपने ही परिचित ब्लोगरों के ब्लोगों पर टिप्पणियां करते हैं और उन्ही से पाते भी हैं (तू मेरी खुजा मैं तेरी खुजाता हूँ). अब बिग बी के पास तो इतना टाइम है नहीं की इनकी खुजाते फिरें. और फ़िर कोई क्यों मान ले की छः महीने बाद ही वीराना मिलेगा? जब आमिर अपने पर आए विवादों का जवाब इसी मंच से देते हैं तो अमिताभ क्यों इस माध्यम से भूतनाथ की रिलीज़ के बाद किनारा कर लेंगे. और भाई पैसा किसे बुरा लगता है? ख़ुद की साईट पर खर्च करने से बेहतर है की किसी बड़ी कम्पनी से करार कर के उसकी साईट पर ब्लॉग बनाया जाए. प्रमोद नाम के व्यक्ति का कमेन्ट अति आपत्तिजनक है, उन्होंने अमिताभ की जाती पर (....पहले बनिया हैं) सवाल उठा दिया है. क्या कहते हो भाई लोगों? -------------------- विवेक
याद है? 'लगान' को आमिर की फ़िल्म बताया जा रहा था. बेचारे गोवारिकर की कृति का श्रेय मीडिया ने आमिर को दे दिया. पर सच्चाई सामने आ ही गई. हम अमिताभ की स्वतः स्फूर्त वाक पटुता के बी सी में देख ही चुके हैं. अगर कोई इतना अच्छा बोल सकता है तो लिखने में वो क्यों वो घोस्ट राइटर का उपयोग करेगा? हाँ घोस्ट टाइपिस्ट ज़रूर हो सकता है (पर मेरे ख्याल से बिग बी को टाइपिंग आती होगी).
राजन said…
मैकमोहन रवीना टंडन के मामा है

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

फिल्‍म समीक्षा : आई एम कलाम