सिनेमालोक : अश्लीलता का क्रिएटिव व्यभिचार


 सिनेमालोक
अश्लीलता का क्रिएटिव व्यभिचार
-अजय ब्रह्मात्मज
वेब सीरीज धड़ल्ले से बन रही हैं. लगभग सारे कलाकार, तकनीशियन और बैनर किसी ने किसी वेब सीरीज के निर्माण से जुड़े हैं, फिल्म और टीवी के बाद आया वेब सीरीज का यह क्रिएटिव उफान सभी के लिए अवसर और लाभ जुटा रहा है. वेब सीरीज के प्रसारण के लिए विशेष प्लेटफॉर्म बन गए हैं. देश-विदेश के अनेक उद्यमी इस दिशा में सक्रिय हैं. सभी को अनेक संभावनाएं दिख रही है. खासकर वेब सीरीज पर सेंसर का अंकुश नहीं होने की वजह से लेखक, निर्देशक और कलाकार अभिव्यक्ति की नई उड़ानें भर रहे हैं, कुछ के लिए यह उनकी कल्पना का असीमित विस्तार है तो कुछ क्रिएटिव व्यभिचार में मशगूल हो गए हैं.
वेब सीरीज में गाली-गलौज, हिंसा और सेक्स की भरमार चिंता का विषय है, समाज के नैतिक पहरुए तो लंबे समय से शोर मचा रहे हैं कि वेब सीरीज के कंटेंट की निगरानी हो. वे आपत्तिजनक दृश्यों और संवादों पर कैंची चलाना चाहते हैं. दूसरा तबका सेंसरशिप के सख्त खिलाफ है. फिल्म और टीवी की सेंसरशिप से उकताया यह तबका थोड़ी राहत महसूस कर रहा है. पिछले दिनों निर्देशक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया ने एक बातचीत में साफ शब्दों में कहा था कि पहली बार हमें क्रिएटिव आजादी मिली है. हम दर्शकों को बेहतरीन कंटेंट दे पा रहे हैं. फिल्म और टीवी माध्यम पर सेंसरशिप का अंकुश न होने की वजह से विषय, कथ्य और दृश्यों के वर्जित क्षेत्र खुल गए हैं’ लेखकों और निवेशकों को बड़ा मौका मिला है.
यह बड़ा मौका किसी बाढ़ की तरह गंदगी भी लेकर आ चुका है. खासकर वेब सीरीज की भाषा(गाली-गलौज) और सेक्स चित्रण में कुछ लेखक-निर्देशक मिली छूट और स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे उत्तेजना और आकर्षण के लिए फूहड़ और अश्लील हो जाने की गलतियां कर रहे हैं. इस तरह वे पाबंदी और सेंसरशिप के समर्थकों को अवसर दे रहे हैं. हालांकि कोर्ट ने ऐसी आपत्तियों और जनहित याचिकाओं को फिलहाल ठुकरा दिया है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि जल्दी ही वेब सीरीज की ढीली लगाम खींच ली जाएगी. ऐसा हुआ तो वेब सीरीज के विस्तार और संभावनाओं पर ब्रेक लग जाएगा.
वेब सीरीज पर पाबंदी और सेंसरशिप के पक्ष-विपक्ष की बहसों से अलग भी इस मुद्दे से संबंधित समस्याएं हैं. पिछले दिनों एक अभिनेता ने इसका खुलासा किया. अभिनय का प्रशिक्षण लेकर फिल्मों में आए इस अभिनेता की पिछले कुछ सालों में अपनी पहचान मिली है. सार्वजनिक स्थानों पर उनके दर्शक-प्रशंसक उनके साथ सेल्फी खिंचवाने के लिए बेताब रहते हैं. प्रशंसकों से घिरे अभिनेता ने फुर्सत मिलते ही अपनी दुविधा और उससे जुड़ा द्वंद्व शेयर किया. उन्हें इन दिनों काफी काम मिल रहा है और काम का बड़ा हिस्सा वेब सीरीज है.
अभिनेता ने बताया कि इन दिनों वेब सीरीज की भाषा से हमें दिक्कत होती है. कई दृश्यों में गाली-गलौज की जरूरत नहीं होती है. अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए संवादों में हम ममूली शब्दों का सहारा ले सकते हैं, लेकिन उसे नाटकीय  और कथित रूप से प्रभावपूर्ण बनाने के लिए जबरन गालियां ठूसी जा रही हैं. गालियों में अद्भुत प्रयोग हो रहे हैं. भाषा की अश्लीलता के साथ ही सेक्स दृश्यों की अधिकता भी हमें परेशान कर रही है. मुमकिन है कि स्त्री-पुरुष के अंतरंग और कामुक दृश्यों में दर्शकों को स्फुरण और आनंद आता हो, लेकिन हमारी मुश्किलें बढ़ जाती हैं. पिछले दिनों एक निर्देशक ने बताया कि बेडरूम सीन के बाद हम आपके नितंब से कैमरा पुल करेंगे और आपको नंगे खड़े होकर तौलिया लपेटते हुए अपना संवाद बोलना है. जब मैंने आपत्ति की तो निर्माता का फोन आ गया. वह धमकी भरे अंदाज में अनुबंध का हवाला देने लगा. यह भी तर्क दिया गया कि हम इसे पूरे एस्थेटिक के साथ शूट करेंगे. आपको लाज या ग्लानि नहीं होगी. निर्देशक निर्माता की जिद देखने के बाद मुझे दूसरे इमोशनल और लॉजिकल तरीके से उन्हें समझाना पड़ा. फिर बात बनी और उन्होंने बॉक्सर पहनने की अनुमति दे दी. लेकिन एक अभिनेता कब तक ऐसे दबावों से बचेगा. मैं मना करूंगा तो कोई और तैयार हो जाएगा.  


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