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सलमान खान से मयंक शेखर की बातचीत

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आज सलमान खान का जन्‍मदिन है। उनका यह इंटरव्‍यू मयंक शेखर ने लिया ढाईघंटे तक चले इस इंटरव्‍यू में सलमान खान ने दिल खोल कर बातें की हैं। उनके जन्‍मदिन पर उनके प्रशंसकों के लिए चवन्‍नी की भेंट। माफ करें,यह इंटरव्‍यू अंगे्रजी में है और कुछ लंबा है। n a conversation that lasts about two and half hours, held over a single sitting with a live audience in 2010, actor Salman Khan takes you into the little known world of possibly the most reclusive of Indian super-star. By Mayank Shekhar A lot of people may not know or remember this but Maine Pyar Kiya was in fact not your first film, it was Biwi Ho To Aisi (1988).   A lot of people know that, in fact. And that I prayed for that film to not do well. But it did 100 days’ business, so just imagine how God doesn’t listen to me. But wasn’t that an odd choice: to debut with fourth or fifth billing in a film headlined by Rekha, Farooq Sheikh, Bindu and Kader Khan? Arrey, but you have to get work also na! I had no choice. It was

फिल्‍म समीक्षा : दबंग 2

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मसाले में गाढ़ा, स्वाद में फीका -अजय ब्रह्मात्मज अवधि-129 मिनट **1/2 ढाई स्टार पहली फिल्म की कामयाबी, धमाकेदार प्रचार, पॉपुलर गाने, प्रोमो से जगी जिज्ञासा और सब के ऊपर सलमान खान की मौजूदगी..अगर आप ने 'दबंग' देखी और पसंद की है तो 'दबंग 2' देखने की इच्छा करना लाजिमी है। यह अलग बात है कि इस बार मसाला गाढ़ा,लेकिन बेस्वाद है। पहली बार निर्देशक की जिम्मेदारी संभाल रहे अरबाज खान ने अपने बड़े भाई सलमान खान के परिचित अंदाज को फिर से पेश किया है। फिल्म में नवीनता इतनी है कि चुलबुल पांडे के अपने पिता प्रजापति पांडे और भाई मक्खीचंद से मधुर और आत्मीय रिश्ते हो गए हैं। इसकी वजह से एक्शन के दो दृश्य बढ़ गए हैं और इमोशन जगाने का बहाना मिल गया है। 'दबंग 2' में 'दबंग' की तुलना में एक्शन ज्यादा है। खलनायक बड़ा लगता है,लेकिन है नहीं। उसे चुनौती या मुसीबत के रूप में पेश ही नहीं किया गया है। सारी मेहनत सलमान खान के लिए की गई है। 'दबंग' की कहानी 'दबंग' से कमजोर है। सूरज को मुट्ठी में करने और कसने के जोश के साथ चुलबुल पांडे पर्दे पर आते

रिश्तों से वजूद है चुलबुल पांडे का - सलमान खान

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-अजय ब्रह्मात्मज     सलमान खान की लोकप्रियता  का अंदाजा इस से भी लगाया जा सकता है कि वे मुंबई में जहां मौजूद रहें, उस इमारत के बाहर खबर लगते ही भीड़ लगने लगती है। मुंबई में बाकी स्टार भी हैं, लेकिन उनके साथ हमेशा ऐसा नहीं होता। भाई (मुंबई और इंडस्ट्री में सभी उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं) की एक झलक पाने के लिए बेचैन इस भीड़ को उनकी एक मुस्कान या हाथ हिलाने से ही सुकून मिल जाता है। बहरहाल, ‘दबंग 2’ की रिलीज के ठीक पहले हुई उनसे हुई बातचीत ... -  क्या कहेंगे ‘दबंग 2’ के बारे में? 0 ‘दबंग’ और ‘दबंग 2’ एक ही फिल्म है। पहली फिल्म फस्र्ट हाफ थी, यह सकेंड हाफ हे। बड़ी जगह,  बड़ा विलेन, बड़ा एक्शन और हीरोइज्म ...हमने तगड़ी नजर रखी है कि यह ओवर बोर्ड न चली जाए। चुलबुल पांडे अपना ही कैरीकेचर न बन जाए। इस बार चुलबुल पांडे के इनहेरेंट हयूमर पर ज्यादा प्ले नहीं किया है। उसकी रियल लाइफ क्वालिटी को सुपर हीरो में नहीं बदलना था। फर्स्‍ट दबंग में चुलबुल पांडे के साथ अनेक परेशानियां थी। सेकेंड दबंग में सब ठीक हो गया है। भाई से सुलह हो गई है, पिता से सहज हो गए हैं चुलबुल और उनकी शादी हो चुकी है। ऐ

दबंग 2 की धमक

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;अजय ब्रह्मात्‍मज सलमान खान की 'दबंग 2' 21 दिसंबर को रिलीज होगी। इसके निर्माता-निर्देशक उनके भाई अरबाज खान हैं, लेकिन 'दबंग 2' शुरू से आखिर तक सलमान खान की ही फिल्म रहेगी। अभी की स्थिति में आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान, अजय देवगन और अक्षय कुमार की फिल्मों का निर्देशक गौण हो जाता है। इन स्टारों का स्टार पॉवर इतना तगड़ा और जोरदार है कि दर्शक परवाह नहीं करते। उन्हें निर्देशकों के नाम और उनके पुराने काम की सुध नहीं रहती। उनके लिए स्टार ही काफी होता है। अपना चहेता स्टार..। स्टारडम और स्टार पॉवर की बात करें, तो अभी सलमान की टक्कर में कोई नहीं है। 'वांटेड' के बाद निरंतर सफलता का स्वाद चख रहे सलमान खान पर दर्शकों की मेहरबानी बनी हुई है। उनकी नई फिल्मों का निर्देशक कोई भी हो, नाम उन्हीं की दांव पर लगता है। 'दबंग 2' के मामले में यह दांव कुछ बड़ा और जोखिमपूर्ण हो गया है। 'दबंग' के लगभग दो साल बाद आ रही 'दबंग 2' के रिस्क फैक्टर की बात करें, तो सबसे पहला जोखिम अरबाज खान का निर्देशक बनना है। पहली 'दबंग' के निर्माता अरबाज

फिल्‍म समीक्षा : एक था टाइगर

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फार्मूलाबद्ध फिल्म है एक था टाइगर -अजय ब्रह्मात्‍मज  भारत,आयरलैंड,तुर्की,क्यूबा और थाईलैंड से घूमती-घुमाती एक था टाइगर तुर्की में खत्म होती है। माशाल्लाह गाना तुर्की में ही फिल्माया गया है। यह गाना फिल्म के अंत में कास्टिंग रोल के साथ आता है। यशराज फिल्म्स ने यह अच्छा प्रयोग किया है कि कास्ट रोल स्क्रीन को छेंकते हुए नीचे से ऊपर जाने के बजाए दाएं से बाएं जाता है। हम सलमान खान और कट्रीना कैफ को नाचते-गाते देख पाते हैं। इसके अलावा फिल्म में ठूंस-ठूंस कर एक्शन भरा गया है। हाल-फिलहाल में में दक्षिण भारतीय फिल्मों से आयातित रॉ एक्शन देखते-देखते अघा चुके दर्शकों को एक था टाइगर के एक्शन में ताजगी दिखेगी। इस फिल्म में हीरोइन के भी एक्शन सीन हैं। कॉनरेड पाल्मिसैनो की सलाह से किए गए एक्शन में स्फूर्ति नजर आती है और वह मुमकिन सा लगता है। वैसे इस फिल्म में भी हीरो का निशाना कभी खाली नहीं जाता, जबकि दुश्मनों को शायद गोली चलाने ही नहीं आता। फिल्में हिंदी की हों या किसी और भाषा की। हीरो हमेशा अक्षत रहता है। कबीर खान निर्देशित एक था टाइगर जासूसी टाइप की फिल्म है। मिशन पर निकला

दर्शकों की पसंद हूं मैं-सोनाक्षी सिन्हा

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-अजय ब्रह्मात्मज     सोनाक्षी सिन्हा की अभी तक दो ही फिल्में रिलीज हुई हैं, लेकिन दोनों ही सुपरहिट रही हैं। ‘दबंग’ और ‘राउडी राठोड़’ की जबरदस्त सफलता ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की टॉप हीरोइनों में शामिल कर दिया है। हालांकि दोनों ही फिल्मों की कामयाबी का श्रेय उनके हीरो सलमान खान और अक्षय कुमार को ही मिला। फिर भी कामयाब फिल्म की हीरोइन होने के हिस्से के रूप में सोनाक्षी सिन्हा भी सफल मानी जाएंगी। अब उनकी तीसरी फिल्म ‘जोकर’ रिलीज होगी। इसमें भी उनके हीरो अक्षय कुमार हैं। सोनाक्षी सिन्हा से एक बातचीत ़ ़ ़ - दो-दो फिल्मों की कामयाबी से आप ने इतनी जल्दी ऐसी ऊंचाई हासिल कर ली है। बात कहां से शुरू करें? 0 कहीं से भी शुरू करें। इतनी छोटी जर्नी है मेरी कि न तो आप ज्यादा कुछ पूछेंगे और न मैं ज्यादा बता पाऊंगी। खुश हूं कि मेरी दोनों फिल्में दर्शकों को पसंद आई। पसंद आने की एक वजह तो मैं हूं ही। - आप की तीसरी फिल्म शिरीष कुंदर की ‘जोकर’ होगी। उसके बारे में बताएं? 0 ‘जोकर’ वैसे मेरी दूसरी फिल्म है। ‘दबंग’ के बाद मैंने ‘जोकर’ ही साइन की थी और उसकी शूटिंग भी आरंभ हो गई थी। यह बहुत ही स्पेशल फिल्म

दो तस्‍वीरें : कट्रीना कैफ

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सलमान खान और शाहरुख खान...दोनों के साथ अलग-अलग फिल्‍मों में आ रही कट्रीना कैफ की चर्चा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों में किस के साथ कट्रीना की फिल्‍म बड़ी हिट होगी। आप क्‍या सोचते हैं, बताएं !!!

सबकी आन सबकी शान ये है अपना सलमान

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-अजय ब्रह्मात्‍मज फि ल्मों में अपनी जगह बनाने की गरज से कुछ-कुछ कर रहे सलीम खान ने सुशीला से शादी कर उन्हें सलमा नाम दिया था। पहली संतान के आने की आहट थी। मुंबई में देखभाल का पर्याप्त इंतजाम नहीं था तो उन्हें पुश्तैनी घर इंदौर छोड आए। इंदौर में ही अब्दुल रशीद सलमान खान का जन्म हुआ। बडे होकर वे सलमान खान के नाम से मशहूर हुए। छोटे शहर का हीरो 27 दिसंबर 1965 को जन्मे सलमान खान अपनी जिंदगी में इंदौर का बडा महत्व मानते हैं। इंदौर में अपनी पैदाइश और बचपन की वजह से सलमान हमेशा कहते हैं कि मैं तो छोटे शहर का लडका हूं। अपने देश को पहचानता हूं। मेरी रगों में छोटा शहर है। शायद इसी वजह से देश के आम दर्शक मुझे अपने करीब पाते हैं। मेरी अदाओं और हरकतों में उन्हें अपनी झलक दिखती है। मेरी शैतानियां उन्हें भाती हैं, क्योंकि मैं उनसे अलग नहीं हूं। सलमान के बचपन की सनक और शरारतों के जानकार बताते हैं कि सलीम खान को उनसे कोई उम्मीद नहीं थी। तीनों भाइयों में अरबाज खान ज्यादा तेज दिमाग के थे। वे शांत और समझदार भी थे। सलमान सनकी होने के साथ जिद्दी भी थे। किसी बात पर अड गए तो मां के सिवा किसी और की बात नहीं मान

फिल्‍म समीक्षा : बॉडीगार्ड

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सलमान खान शो -अजय ब्रह्मात्मज सिद्दिकी मलयालम के मशहूर निर्देशक हैं। उनकी फिल्में खूब पसंद की जाती हैं। प्रियदर्शन ने उनकी कई फिल्मों का हिंदी रिमेक किया है। इस बार सिद्दिकी की शर्त थी कि उसी को हिंदी में रिमेक का अधिकार देंगे, जो उन्हें इसे हिंदी में निर्देशित करने देगा। नतीजा सामने है। सिद्दिकी और सलमान खान ने मिलकर बॉडीगार्ड को हिंदी दर्शकों के लिए फिर से रचा है। इस फिल्म में पूरी तरह से सलमान खान के प्रशंसक दर्शकों का खयाल रखा गया है और हिंदी सिनेमा के मेलोड्रामा का छौंक लगाया गया है। इस छौंक में करीना कपूर काम आ गई हैं। बॉडीगार्ड सामान्य एक्शन फिल्म नहीं है। यह एक्शन की जबदरस्त फैंटेसी है। रियल लाइफ में ऐसा मुमकिन नहीं है। रील पर अवश्य ही रजनीकांत के साथ ऐसी फैंटेसी क्रिएट की जाती रही है। सलमान खान अकेले ही दर्जनों पर भारी हैं। दुश्मनों की गोलीबारी उन पर बूंदाबादी लगती है। इस फिल्म के एक्शन के लिए हैरतअंगेज से आगे का कोई शब्द खोजना होगा। सिंगल लाइन स्टोरी है बॉडीगार्ड लवली सिंह को दिव्या की सेक्युरिटी की ड्यूटी मिलती है। उसे परेशान करने की कोशिश में दिव्या उससे प्रेम

शुक्रिया दर्शकों का...लौट आया हूं मैं-सलमान खान

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-अजय ब्रह्मात्मज सलमान खान की छवि लापरवाह, मनमौजी और बिगड़ैल स्टार की है। सोचा भी नहीं जा सकता था कि वे नियत समय पर इंटरव्यू के लिए हाजिर हो जाएंगे। पिछले कई मौकों पर उन्होंने लंबा इंतजार करवाया है। लिहाजा, जब उनके सहायक ने पूछा कि आप कहां हैं... सलमान खान आ चुके हैं तो मेरे चौंकने की बारी थी। पहुंचा तो देखा कि सलमान खान ताबड़तोड़ समोसे खाए जा रहे हैं। आश्चर्य हुआ और सहसा सवाल किया मैंने ... ‘समोसे तो सेहत के लिए और खास कर फिल्म स्टार के सेहत के लिए ठीक नहीं माने जाते हैं और आप ...’ मुंह का कौर खत्म करते-करते सलमान को सीधा सा जवाब आया, ‘सर, भूख लगी हो तो आदमी कुछ भी खा ले और उससे कोई नुकसान नहीं होता। मैं तो सब कुछ खाता हूं।’ पता चला कि उन्होंने एक खास फूड चेन का बर्गर मंगवा रखा था। वह आने में देर हुई तो वे खुद को रोक नहीं सके ... इस बीच बर्गर आया और बातें आरंभ हुई। ‘वांटेड’ और ‘दबंग’ के बाद सलमान खान अलहदा जोश में हैं। दर्शकों से उनका सीधा कनेक्ट बन चुका है। कहा जा रहा है कि सिनेमाघरों से विस्थापित हो चुके दर्शकों का ‘दबंग’ ने पुनर्वास किया। उन्हें फिर से सिनेमाघरों की सीटें दीं। य

मनोरंजन का व्यसन

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-अजय ब्रह्मात्‍मज पहले वांटेड फिर दबंग और अब रेडी.., इन तीन फिल्मों की कामयाबी ने सलमान खान को अजीब आत्मविश्वास से भर दिया है, जो हिंदी सिनेमा के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता। सुना है कि सलमान ने दक्षिण की छह हिट फिल्मों के अधिकार खरीद लिए हैं। वे बगैर जोखिम और शर्म के दक्षिण की हिट फिल्मों के रीमेक पर रीमेक बनाने के लिए तैयार हैं। उन्हें अपनी आलोचना और समीक्षकों की राय की परवाह नहीं है। वे बातचीत में किसी और के सवाल करने से पहले ही सवाल दाग देते हैं कि दर्शक फिल्में देख रहे हैं। वे हिट भी हो रही हैं तो फिर क्यों मैं कुछ और सोचूं या करूं? ट्रेंड सा बनता जा रहा है। हर स्टार इस पॉपुलैरिटी की चाहत में मसाला फिल्मों की तरफ बढ़ या झुक रहा है। मनोरंजन का यह व्यसन हिंदी फिल्मों को गर्त में ले जा रहा है। कोई समझने, मानने और सोचने को तैयार नहीं है कि इन फिल्मों की क्वालिटी खराब है। सिनेमाघरों से एक बार निकलने के बाद इन फिल्मों को शायद ही दर्शक मिल पाएं। भविष्य के दर्शकों की चिंता कौन करे? अभी तो सारा जोर इमिडिएट कमाई पर है। रिलीज होने के तीन दिनों के अंदर फिल्म ने कितना व्यवसाय किया? सोमवार के बाद

सलमान छवियां

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