मुक्काबाज़ और मुक्केबाज़ का फ़र्क़
- अजय ब्रह्मात्मज मैंने २३ दिसंबर को एक ट्वीट किया था। ... अच्छा चलिए मुक्काबाज़ और मुक्केबाज़ फ़र्क़ बता दीजिये। आम दर्शक भाई लोग भी ट्राई कर सकते हैं। भाई लोगों ने क्या खूब ट्राई किया? वल्लभ खत्री - मुक्काबाज़ गाली और अनादर के तौर पर उपयोग किया जाता है,जबकि मुक्केबाज पेशेवर प्रयोग हैं। अनुराग सर क्या यह सही है? लेखक शसवानी - सौ सुनार की एक लोहार की। यही फ़र्क़ होता है मुक्काबाज़ और मुक्केबाज़ में। जय हिंद जय भारत। मिर्ची मनोज - मात्रा का फर्क है और मात्रा से किरदार बदल जाता है इंसान का। मुक्काबाज़ लड़ाई जी सकता है,मुक्केबाज़ आदर हासिल करता है। चैतन्य कांबले - भक्त मुक्काबाज़ है, जो मालिक के इशारे पर मुक्का मारता है। मुक्केबाज़ आप अनुराग कश्यप हो, जो दिल और दिमाग के सुनकर मक्का मारता है। सुरेश देवसहाय - बचपन में हम लोग कभी किसी को मुक्का मारा करते थे तो वह टीचर या अपने माता पिता से शिकायत में कहता था,इसने मुझे मुक्का से मारा। शायद वही मुक्काबाज़ है। शिवम - जो सबक सिखा दे,वह मुक्काबाज़। जो प्राण पखेरू उड़ा दे,वह मुक्केबाज़। क्षितिज - एक मुक्का है तो मुक्काबाज़, दो मुक्के हैं तो