अब चलन दे गन

-अजय ब्रह्मात्‍मज

बतौर एक्शन हीरो अजय देवगन की आखिरी फिल्म कयामत थी। इस बीच अजय देवगन ने लगभग हर विधा की फिल्में कीं, लेकिन एक्शन से बचे रहे। रोहित शेंट्टी की वजह से उनकी कॉमेडी फिल्मों में भी एक्शन की झलक मिलती रही, लेकिन सिंघम अजय की फुल एक्शन फिल्म है।

आप की पहचान एक्शन हीरो की रही है। फिर एक्शन फिल्म के चुनाव में इतना लंबा गैप क्यों हुआ?

सही स्क्रिप्ट की तलाश में वक्त लगा। मैं नहीं चाहता था कि एक्शन के नाम पर कोई साधारण फिल्म कर लूं।

'सिंघम' पहले तमिल में बन चुकी है। हिंदी में इसे बनाते समय आप लोगों ने कुछ चेंज भी किया है क्या?

हम लोगों ने फिल्म की थीम को नहीं छेड़ा है, लेकिन हिंदी दर्शकों का खयाल रखते हुए बहुत कुछ चेंज कर दिया है। साउथ और हिंदी के दर्शकों की पसंद अलग है। हमने हिंदी दर्शकों की फीलिंग और कल्चर के हिसाब से कहानी में कुछ एड किया है। कुछ कैरेक्टर बदल गए और कुछ नए जोड़े गए हैं। फिल्म में इंटरवल के बाद का हिस्सा और क्लाइमेक्स एकदम अलग है। उसे हिंदी दर्शकों के अनुसार कर दिया गया है।

एक्शन हीरो की इमेज के बावजूद आप इमोशनल एक्टर माने जाते हैं। एक्शन परफार्मेस कितना चैलेंजिंग और मुश्किल होता है?

मुझे नहीं मालूम कि एक्शन में किस तरह के चैलेंज होते हैं? सिंघम में मेरी एक ही चिंता थी कि जिस लेवल की एक्शन फिल्में कर चुका हूं, यह फिल्म उससे कम न हो। मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को मेरा एक्शन किसी और फिल्म से कमतर नहीं लगेगा। एक्शन में काफी मेहनत करनी पड़ती है। दिन भर की शूटिंग के बाद थकान हो जाती है। एक्शन फिल्म में एंगर का इमोशन बरकरार रखना पड़ता है। वही सबसे बड़ा चैलेंज रहता है। कैरेक्टर की फीलिंग, एंगर और रीजन तीनों को बनाए रखना पड़ता है।

इस फिल्म के लिए आपने शरीर को सुडौल बनाया?

जी, वह कैरेक्टर की मांग थी। हमें लगा कि कैरेक्टर के पॉवर को दिखाना चाहिए। वह पॉवरफुल दिखे। शरीर का तो मैं हमेशा से खयाल रखता हूं। इस फिल्म के लुक के लिए अतिरिक्त वर्कआउट करना पड़ा। आप सही ट्रेनिंग और इंस्ट्रक्शन के साथ अभ्यास करें तो ऐसा सुडौल शरीर बना सकते हैं। यह मुश्किल काम नहीं है।

पूछा जाता है कि अजय कैसा जादू जानते हैं कि उनकी अलग-अलग जॉनर की फिल्में भी हिट होती रहती हैं?

जादू के बारे में मैं नहीं जानता, लेकिन हां, मैंने हमेशा यह कोशिश रखी कि अलग-अलग जॉनर की फिल्में करता रहूं। इससे व्यक्तिगत तौर पर मुझे संतोष रहता है कि मैं खुद को रिपीट नहीं कर रहा हूं और दर्शक भी खुश रहते हैं कि उन्हें मेरी एक तरह की फिल्में नहीं मिलती। मैं कॉमेडी पर कॉमेडी या एक्शन पर एक्शन फिल्में नहीं करता। दर्शकों को एंटरटेन करना ही मकसद है।

आप ने प्रकाश झा की 'आरक्षण' क्यों छोड़ी? सुना है आप दोनों के बीच अनबन हो गई है?

प्रकाश जी के साथ मैंने यादगार फिल्में की हैं। हमारे बीच कोई अनबन नहीं हुई है। राजनीति के समय लोगों ने गलतफहमी फैला दी थी। रही बात आरक्षण की, तो उसके लिए मैंने कभी हां नहीं की थी।

डायरेक्टर अजय देवगन विश्राम कर रहे हैं क्या?

एक स्क्रिप्ट है मेरे पास, लेकिन अपनी व्यस्तता की वजह से शुरू नहीं कर पा रहा हूं। कम से कम छह महीने का वक्त तो चाहिए। जल्दबाजी में कुछ नहीं करना चाहिए। विश्राम करने की फुर्सत कहां है?

पारिवारिक फ्रंट पर क्या चल रहा है?

बेटे युग के जन्म के बाद परिवार में भी थोड़ा समय जाता है। अभी काजोल बेटे को संभालने में व्यस्त हैं। मैं पूरी कोशिश करता हूं कि समय निकालूं। सब कुछ अच्छा चल रहा है। संतुष्ट और सुखी हूं।

लग रहा है कि मसाला फिल्मों का दौर फिर से आ रहा है?

मसाला फिल्मों का दौर कभी गया ही नहीं था। हम लोगों ने वैसी फिल्में बनानी बंद कर दी थी, लेकिन सभी ने हश्र देखा। खुद को ज्यादा इंटलिजेंट समझ कर हम जैसी फिल्में बना रहे थे, उन्हें दर्शकों ने रिजेक्ट कर दिया। हम रो रहे थे कि इंडस्ट्री का बुरा हाल है। मसाला फिल्मों के आने के बाद देखिए कि इंडस्ट्री कितनी खुशहाल है। बड़ी फिल्मों का 70 फीसदी बिजनेस छोटे शहरों और सिंगल स्क्रीन से आ रहा है। सभी फिल्में चल रही हैं। दर्शक सिनेमाघरों में लौट रहे है!

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