खुश हूं सेकेंड लीड में-अरबाज खान




-अजय ब्रह्मात्‍मज
अरबाज खान ने करिअर की शुरूआत बतौर एक्‍टर की थी। अठारह सालों तक एक्टिंग करने के बाद उन्‍हें एक ऐसी कहानी मिली,जिसे वे अपने भाई के साथ पर्दे पर ले आए। वे निर्माता बन गए। उन्‍होंने दबंग का निर्माण किया। उसके निर्देशक अभिनव कश्‍यप थे। सफर यहीं नहीं रुका। वे दबंग 2 के निर्माता के साथ निर्देशक भी बने। निर्माता और निर्देशक के तौर पर मिली कामयाबी के बावजूद अरबाज खान का मन एक्टिंग में लगता है। इसे वे अपना पैशन मानते हैं।
अरबाज कहते हैं, एक्टिंग बंद नहीं करूंगा। बतौर एक्‍टर जानता हूं कि मेरे लिए किस ढंग के रोल हो सकते हैं। अपने भाई या दूसरे खानों की तरह मुझे लीड रोल नहीं मिल सकते। मैं उस रास्‍ते पर अपनी सीमाओं की वजह से नहीं बढ़ सका। अब मैं अपनी पर्सनैलिटी और फेस वैल्‍यू के हिसाब से जो रोल मिलते हैं,उनमें से चुन लेता हूं। यह तय है कि मैं किसी भी इंटरेस्टिंग रोल के लिए हमेशा तैयार हूं। मुझे जल्‍दी समझ में आ गया था कि मेरी रेंज क्‍या है?’
खुद के बारे में मुगालता न हो तो जिंदगी आसान हो जाती है। अरबाज के नए आदर्श हैं। वे उनका नाम लेते हैं, नाना पाटेकर,अमरीश पुरी,परेश रावल आदि भी तो स्‍टार रहे हैं। क्‍या उनके बगैर फिलमें बन सकती हैं? फ्रिकी अली में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ सेकेंड लीड में हूं। यहां पसंद आया तो हो सकता है कि दूसरे स्‍टार और डायरेक्‍टर भी अपनी फिल्‍म में मुझे चुनें1 सिर्फ स्‍आर से तो फिल्‍में बन नहीं सकतीं। फिल्‍मों के स्‍टार कास्‍ट क्रिकेट टीम की तरह है। सबकी अपनी भूमिकाएं होती हैं। मैंने सोच लिया है कि कैरेक्‍टर आर्टिस्‍ट,सेकेंड लीड ,निगेटिव,ग्रे शेड,भाई का रोल,वकील,पुलिस इंस्‍पेक्‍टर आदि रोल करता रहूंगा। मैं अच्‍छे और बुरे दोनों किस्‍म के किरदारों को बखूबी निभा सकता हूं।
फ्रिकी अली के बारे में पूछने पर अरबाज बताते हैं, इस फिल्‍म के हीरो अली को देरी से समझ में आता है कि उसके अंदर क्‍या टैलेंट है? उसके पहले उसकी जिंदगी में तकलीफें और मुश्किलें हैं। इस फिल्‍म में गोल्‍फ फिल्‍म के बैकग्राउंड में है। यह फिल्‍म गोल्‍फ पर नहीं है। यह अली की कहानी है,जो गोल्‍फ खेलता है। अली अपनी जिंदगी में धीरे-धीरे सब कुछ हासिल करता है। मैं उसका दोस्‍त मकसूद हूं। मैं अली के साथ जुड़ा हुआ हूं। हम दोनों मिल कर छोटे-मोटे काम करते हैं जैसे कि रिकवरी,बेदखली और धमकी वगैरह। हम दोनों गैंगस्‍टर नहीं हैं। अपनी जिंदगी चलाने के लिए कुछ ना कुछ करते रहते हैं। फिर एक मोड़ आता है और अली गोल्‍फर बन जाता है।
नवाज की प्रतिभा से प्रभावित अरबाज मानते हैं कि वह किसभ्‍ भी प्रकार के रोल करने में समर्थ हैं। फ्रिकी अली से पहले भी उनकी औपचारिक और सामाजिक मुलाकातें होती रही हैं। इस फिल्‍म की शूटिंग के दौरान उन्‍होंने नवाज को करीब से देखा और जाना। उनके बारे में अरबात कहते हैं, नवाज मेहनती हैं। वे फोक्‍स्‍ड और डेडिकेटेड एक्‍टर हैं। पूरा होम वर्क कर के सेट पर आते हैं। सेट में वे ऐसे खो जाते हैं कि उनके होने का अहसास भी नहीं रहता। आज वे स्‍टार हैं,लेकिल कोई नखरा या शोर-शराबा नहीं करते। मेरे साथ एक पर्सनल रैपो बन गया है। उसकी वजह से हमारी एक केमिस्‍ट्री बन गई। मैं पूरी फिल्‍म में उनके साथ हूं।
सभी जानते हैं कि अरबात कमर्शियल फिल्‍मों के बैकग्राउंड से आते हैं और नवाज थिएटर से आए हैं। इस फिल्‍म के दृश्‍यों में उनकी संगत कैसी रही। जुगलबंदी कैसे हुई? अरबाज हंसते हैं और फिल्‍म देख कर बताने की गुजारिश करते हैं। वे कहते हैं,फिल्‍म देख कर आप समझ जाएंगे। हम एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। काम करते हुए पता चल जाता है कि हम मेल में हैं कि नहीं हैं। सलाह-मशविरा तो चलता ही रहता है। गपशप और लतीफेबाजी चलती रहती है।

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