गांव जंगल की अलहदा आवाज मेघा श्रीराम डाल्‍टन




-अजय ब्रह्मात्‍मज

अजय देवगन निर्देशित शिवाय में मेघा श्रीराम डाल्‍टन की आवाज है। वह इसके म्‍यूजिक वीडियो में भी दिख रही हैं। मूल रूप से झारखंड के डाल्‍टेनगंज की निवासी के जीवनसंगी श्रीराम डाल्‍टन हैं। दोनों अद्भुत ऊर्जा के धनी हैं। उनकी बेचैन प्रतिभा अनगढ़ है। दोनों इन दिनों मुंबई में हैं। दोनों अपनी गति और मति के साथ खुद को एक्‍सप्‍लोर कर रहे हैं। मेघा की रुचि शुरू से गायकी में रही। बनारस में पढ़ाई के दौरान जीवन यापन के वास्‍ते कमाई के लिए वह स्‍थानीय म्‍यूजिक लेबल के साथ शिव से संबंधित भजन और श्‍लोकों का गायन करती थीं। शिव के श्‍लोंको और मंत्रों को आत्‍मसात कर चुकी मेघा ने अजय देवगन की शिवाय के टायटल ट्रैक में अघोर मंत्र का जाप किया है। मेघा की आवाज अलहदा किस्‍म से प्रभावकारी है। खुरदुरी और बुलंद होने के साथ वह छंद में रहती है। उनकी इस खासियत को मिथुन ने समझा और बोलो हर हर हर में सटीक ढंग से इस्‍तेमाल किया।
मेघा की जर्नी बनी-बनायी लकीर पर नहीं रही है। एमटीवी कोक स्‍टूडियो के लिए धीरे धीरे गाने के बाद उनकी पहचान बनी। उसके बाद फिल्‍मों में पार्श्‍व गायकी के अनेक प्रस्‍ताव आए,लेकिन मेघा ने संयम और विवेक से काम लिया। उन्‍होंने अपनी खासियत की दुकान नहीं लगायी। वह अनवरत साधना में लगी रहीं। अपने इलाके के संगीत के लिए काम करती रहीं। वह झारखंड के जयनगरा गांव के ग्रामीणों के बीच रह कर उनके संगीत को संयोजित और संरक्षित करने के साथ प्रस्‍तुत भी करती हैं। उन्‍हें मंच पर ले जाती हैं। उरांव जाति के इन गामीणों के संगीत की अपनी परंपरा है। मेघा मानती हैं कि हमें पारंपरिक सुर,स्‍वर और शब्‍दों को बचाए रखना है। उनसे दुनिया को परिचित कराना है। संगीत की ऐसी आर्गेनिक विविधता दुर्लभ है। यही कारण है कि हर कुछ महीनों में मुंबई से फुर्सत निकाल कर मेघा जयनगरा चली जाती हैं। वह आदिवासी गीत-संगीत को बड़े फलक पर लाना चाहती हैं।
शिवाय के टायटल ट्रैक में शामिल होन से खुश मेघा संगीतकार मिथुन को धन्‍यवाद देती हैं। उनके मुताबिक,मिथुन ने गांव-जंगल की आवाज को तरजीह दी और उसे ग्‍लोबल प्‍लेटफार्म दिया। मुंबई के ग्‍लैमर जगत से अनछ़ुई मेघा स्‍वीकार करती हैं कि बुद्ध के दर्शन और विचारों पर अमल करने से ही उनके जीवन में यह संतुलन आया है। वह इसे वैराग्‍य नहीं मानतीं,लेकिन अपने लगाव में वह पॉपुलैरिटी की गोंद नहीं लगने देना चाहती। बेहतर काम और बेहतरीन गायकी के लिए यह क्रिएटिव अलगाव जरूरी है।
मेघा फिल्‍मों समेत सभी प्‍लेटफार्म पर गाने के लिए तैयार और इच्‍छुक हैं। हां,इसके लिए वह भीड़ में शामिल नहीं होना चाहतीं। उनकी आवाज अलहदा है। वह अपनी आवाज का अलहदा इस्‍तेमाल चाहती हैं।

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

फिल्‍म समीक्षा : आई एम कलाम