स्‍वागत है साउथ के सुपरस्‍टार विक्रम का 'रावण' में


-अजय ब्रह्मात्‍मज

हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में एक्टर डबल-ट्रिपल रोल निभाते रहे हैं। संजीव कुमार ने नया दिन नयी रात में नौ रोल तो कमल हासन ने दसावतार में दस रोल निभाए। अब साउथ के सुपरस्टार विक्रम नए किस्म का रिकार्ड बना रहे हैं।

विक्रम ने रावण के हिंदी और तमिल दोनों संस्करणों में काम किया है, लेकिन दोनों भाषाओं में दो अलग किरदार निभाए हैं। वे हिंदी संस्करण में देव की भूमिका में नजर आएंगे तो तमिल संस्करण में बीरा के रूप में चौंकाएंगे। संभवत: विश्व सिनेमा में पहली बार किसी अभिनेता को इस किस्म की दोहरी भूमिका निभाने का मौका मिला है।

मणि रत्नम दोनों ही भाषाओं में रावण की शूटिंग साथ-साथ कर रहे थे। उन्होंने देव और बीरा के रूप में विक्रम को बड़ी चुनौती दी थी। विक्रम इस चुनौती पर खरे उतरे हैं। दोनों भाषाओं में रावण देखने के बाद ही दर्शक विक्रम की प्रतिभा के आयामों से परिचित हो सकेंगे।

लगभग बीस सालों से दक्षिण भारत की तमिल, तेलुगू, मलयालम की फिल्मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं निभा रहे विक्रम को हिंदी फिल्मों के दर्शक पहली बार रावण में देखेंगे। मणि रत्नम की नजर में वे बहुत पहले से अटके थे। वे 1994 में बांबे में उनहें मनीषा कोइराला के अपोजिट साइन करना चाहते थे, लेकिन तब विक्रम के बाल लंबे थे, दाढ़ी बढ़ी हुई थी और कद-काठी दुबली थी। विक्रम को बांबे छूटने और मणि रत्नम के साथ काम न कर पाने का अफसोस रहा। उल्लेखनीय है कि तमिल फिल्मों में भी उन्हें आरंभ में बड़ी फिल्में नहीं मिल रही थीं। सरवाइवल के लिए विक्रम ने तमिल फिल्मों में हीरो के रूप में आ रहे दूसरी भाषाओं के एक्टर को आवाज दी। उनकी डबिंग की और स्टारडम के लिए स्ट्रगल करते रहे। लंबे स्ट्रगल के बाद मिली कामयाबी ने उनहें विनम्र बना दिया है। नाम तो उनका विक्रम है, लेकिन स्वभाव और बात-व्यवहार में वे विनम्र और विनोदी हैं। उनका सेंस आफ हयूमर और बातचीत में वन लाइनर याद रह जाता है।

विक्रम ने हिंदी फिल्मों में आने की पहले जोरदार कोशिश नहीं की। कई बार फिल्मों के प्रस्ताव मिले, लेकिन कभी स्क्रिप्ट तो कभी प्रोडक्शन हाउस पसंद न आने की वजह से विक्रम से हिंदी फिल्मों के दर्शक वंचित रहे। वे मजाकिया स्वर में कहते हैं, ''तमिल फिल्मों में बीस साल पहले मेरी एंट्री हुई थी। हिंदी फिल्मों के लिए मैं नया चेहरा हूं, इसलिए बिल्कुल फ्रेश और यंग फील कर रहा हूं। नए एक्टर जैसी ही घबराहट महसूस कर रहा हूं। मालूम नहीं कि हिंदी के दर्शक मुझे कितना पसंद करेंगे? पसंद भी करेंगे या पट से रिजेक्ट कर देंगे।''

रावण की दोहरी भूमिकाओं की चुनौती की बात चलने पर वे बताते हैं, ''निश्चित ही मुश्किल काम था, क्योंकि दोनों ही कैरेक्टर अपने किस्म से इंटेंस और इंपार्टेट हैं। मणि सर दोनों कैरेक्टर की शूटिंग में थोड़ा गैप रखते थे और मुझे तैयार होने का मौका देते थे। हिंदी संस्करण के प्रोमोशन में आप अभिषेक बच्चन को जिस रूप में देख रहे हैं, लगभग वैसा ही रूप तमिल संस्करण में मैंने रखा है। हम दोनों की एक्टिंग स्टाइल का फर्क जरूर दिखेगा। हम सभी लोकेशन पर साथ ही थे, लेकिन मैंने हमेशा यही कोशिश की कि मैं अभिषेक बच्चन को शूट करते हुए नहीं देखूं। यही कोशिश अभिषेक ने भी की। हम दोनों नहीं चाहते थे कि बीरा के अभिनय में हम एक-दूसरे से प्रभावित हों।''

केवल विक्रम और ऐश्वर्या राय ही हिंदी और तमिल दोनों भाषाओं में हैं। ऐश्वर्या राय फिल्म की नायिका हैं। दोनों ही भाषाओं में उन्होंने एक ही किरदार निभाया है, लेकिन उनके सहयोगी कलाकार दोनों भाषाओं में बदल गए हैं। हिंदी में उनके सामने अभिषेक बच्चन हैं तो तमिल में विक्रम हैं। हिंदी में विक्रम सेकेंड लीड देव बने हैं। विक्रम बताते हैं, ''मेरे लिए थोड़ी मुश्किल थी कि तमिल की शूटिंग करते समय ऐश्वर्या के साथ मेरा ऑनस्क्रीन रिलेशन अलग होता था और जब हिंदी वर्सन की शूटिंग करता था तो वह बिल्कुल अलग हो जाता था। मुझे लगता है कि यह ऐश्वर्या राय के लिए भी चुनौती रही होगी कि वे एक ही टाइम फ्रेम में दो अलग-अलग भंगिमाओं में कैसे दिखें? इसके अलावा हम सभी को थोड़ा आराम भी मिल जाता था, लेकिन उन्हें तो हर सीन रिपीट करना पड़ता था। सीन वही रहता था, लेकिन एक्टर बदल जाते थे। भाषा बदल जाती थी।''

विक्रम और ऐश्वर्या राय की केमेस्ट्री की काफी चर्चा है। इस संबंध में पूछने पर वे झेंप जाते हैं और अपने विनोदी अंदाज में बताते हैं, ''बेशक हिंदी मेरे लिए नई लैंग्वेज है, लेकिन रोमांस के लिए जरूरी बाडी लैंग्वेज मेरे लिए नई नहीं है। मैं दक्षिण की भाषाओं में कई फिल्में कर चुका हूं। उनमें हीरोइनों के साथ मेरी जोड़ियां पसंद की गई हैं।''

विक्रम मानते हैं कि मनोरंजन की दुनिया में अब भाषा कोई दीवार नहीं रह गई है। एक्टर नए काम और अनुभव की तलाश में दूसरी भाषाओं की फिल्में कर रहे हैं। उनका मुंबई आकर बसने का कोई इरादा नहीं है। वे भौगोलिक दूरी को बाधा नहीं मानते। भविष्य की योजनाओं के बारे में वे आश्वस्त स्वर में कहते हैं, ''अगर हिंदी फिल्मों के दर्शकों और निर्माताओं को मेरा काम अच्छा लगा और उन्होंने बुलाया तो जरूर हिंदी फिल्में करने आऊंगा। मुंबई में ठहरने का अभी कोई इरादा नहीं है। दक्षिण में मेरे पास हर तरह की फिल्में हैं। मैं सीमित बजट की फिल्में बना रहा हूं, जिनमें यंग एक्टर काम कर रहे हैं!''

Comments

anjule shyam said…
विक्रम मानते हैं कि मनोरंजन की दुनिया में अब भाषा कोई दीवार नहीं रह गई है।

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

फिल्‍म समीक्षा : आई एम कलाम