पापुलर उत्तराधिकारी रणबीर कपूर

-अजय ब्रह्मात्मज
    मालूम नहीं कल ‘ये जवानी है दीवानी’ का हश्र क्या होगा? रिलीज के पहले से यह फिल्म चर्चा में है। रणबीर कपूर के ‘बदतमीज दिल’ और ‘बलम पिचकारी’ गाने हिट हो चुके हैं। माना जा रहा है कि रणबीर कपूर के हाथों में एक विजेता फिल्म है। फिल्म का बिजनेस 100 करोड़ होगा कि नहीं? यह सवाल आजकल हर चर्चित फिल्म को घेर लेता है। रणबीर कपूर को अभी न तो 100 करोड़ की चिंता है और न यह फिक्र है कि सितारों की होड़ में वे कहां हैं? उन्हें अगले बड़े स्टार के तौर पर सभी स्वीकार कर चुके हैं। खानत्रयी के बाद रितिक रोशन ने कुछ फिल्मों में जलवा दिखाया , लेकिन वे पापुलर उत्तराधिकारी नहीं बन सके। हालांकि पूरी संभावना है कि ‘कृष’ के सीक्वेल से उनकी धमाकेदार वापसी होगी। वे एक बार फिर से लोकप्रियता के शीर्ष पर होंगे। उनके बाद अगर किसी हीरो ने साबित करने के साथ संभावना दिखाई है तो वे रणबीर कपूर ही हैं।
    ‘ये जवानी है दीवानी’ रणबीर कपूर के साथ धर्मा प्रोडक्शन की दूसरी फिल्म है। इसके निर्देशक अयान मुखर्जी हैं। अयान मुखर्जी और रणबीर कपूर की भी यह दूसरी फिल्म है। रणबीर कपूर अपनी सलाहियत और व्यवहार से प्रोडक्शन कंपनी एवं यूनिट का दिल जीत लेते हैं। यही वजह है कि हर डायरेक्टर उनके साथ दूसरी फिल्म करना चाहता है। उनका मामला शाहिद कपूर से अलग है। शाहिद कपूर को कोई भी निर्देशक दोहराना नहीं चाहता। वे डिफिकल्ट एक्टर के तौर पर मशहूर हो गए हैं, जबकि रणबीर कपूर सिंपल, सिंसेअर और ऑनेस्ट एक्टर माने जाते हैं। वे अपना काम पूरी लगन और मेहनत से करते हैं। सफल भी रहते हैं।
    शुरुआती दौर में रणबीर कपूर ने पिता ऋषि कपूर की सलाह और फिल्म इंडस्ट्री के नियमों के अनुसार काम किया। आरंभिक सफलता विफलता के बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के गुर सीखे। अब वे खुद फैसले लेने लगे हैं। इसकी शुरुआत ‘रॉकस्टार’ से हुई और ‘बर्फी’ से उनका आत्मविश्वास गाढ़ा हो गया। रणबीर कपूर ने अपने फैसलों और फिल्मों से साबित किया कि वे निश्चित ढांचे में प्रयोग के लिए तैयार हैं। वे चालू किस्म की फार्मूलाबद्ध फिल्मों से ही बंधे नहीं रहना चाहते। जानकार बताते हैं क ‘रॉकस्टार’ और ‘बर्फी’ के लिए उनके पिता ऋषि कपूर ने मना किया था। पिता को लगता था कि मैच्युरिटी आने और पॉपुलैरिटी की पॉजीशन पक्की होने के बाद ऐसे एक्सपेरिमेंट करने चाहिए। रणबीर कपूर ने पिता की बात सुनी, लेकिन अपने फैसले पर अमल किया। आज उनके फैसले से पिता भी खुश हैं। वे गर्व के साथ कहते हैं कि मेरा बेटा शुरू से ही एक्सपेरिमेंट कर रहा है।
    रणबीर कपूर के साथ काम कर चुके एक निर्देशक बताते हैं कि वे बहुत ही समझदार, व्यावहारिक और चालाक हो गए हैं। उन्होंने कुछ निर्देशकों को चिह्नित कर लिया है। उनकी फिल्में वे कभी नहीं छोड़ते। चूंकि उनके बात-व्यवहार में आत्मीयता है, इसलिए हम भी उनकी बातों का यकीन करते हैं। पिछले दिनों उनकी एक घोषित फिल्म अटकी तो उन्होंने मुझ से कहा कि आप फिल्म शुरू कर दो। फिर अटकी फिल्म चालू हो गई तो मुझे मना कर दिया, लेकिन कहा कि मुझे निकाल मत देना। उन्होंने अलिखित वादा ले लिया है। मुझे पता चला है कि रणबीर कपूर सभी निर्देशकों का ऐसे ही फंसा कर रखते हैं। यों समझें कि उनकी बंसी में मछली फंसने के बबाद भी वे उसे पानी से बाहर नहीं निकालते।
    रणबीर कपूर अगले महीने अनुराग कश्यप की फिल्म ‘बांबे वेलवेट’ की शूटिंग आरंभ करेंगे। उसके बाद इम्तियाज अली की फिल्म होगी। और फिर अनुराग बसु की किशोर कुमार के जीवन पर आधारित फिल्म होगी। तीन फिल्मों के बाद वे फिर से अपने निर्देशकों को दोहराएंगे। देखें तो रणबीर कपूर सभी प्रतिष्ठित युवा फिल्मकारों की फिल्में कर रहे हैं। किसी जमाने में अमिताभ बच्चन भी ऐसा ही करते थे। उन्होंने अपने कुछ निर्देशक तय कर रखे थे। वे हमेशा उन्हीं के साथ काम करते थे। रणबीर कपूर की कार्यशैली में फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को अमिताभ बच्चन की झलक मिलती है। कयास तो यह भी लगाया जा रहा है कि अगले दो-तीन सालों में रणबीर कपूर भी अमिताभ बच्चन की तरह अकेले पापुलर स्टार होंगे।

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