नहीं चला तीन का तुक्का . पूजा श्रीवास्तव
नहीं चला तीन का तुक्क -पूजा श्रीवास्तव अमिताभ बच्चन हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के शायद अकेले एैसे कलाकार हैं जो छोटी और महत्वहीन भूमिका में भी अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करते हैं। लेकिन उनके खाते भी एैसी बहुत सी फिल्में हैं जो उनकी सशक्त उपस्थिति के बावजूद दर्शकों द्वारा नकार दी गई हैं। हाल ही में आई तीन एक ऐसी ही फिल्म है जिसका पूरा बोझ अमिताभ बच्चन अकेले ही अपने कंधे पर ढोते हुए दिखाई देते हैं। एैसा नहीं है कि फिल्म में बेहतर कलाकारों की कमी हो। मगर विद्या बालन ,नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, सव्यसाची चक्रवर्ती जैसे सशक्त कलाकारों से सजी ये फिल्म, स्क्रिप्ट और उसके ट्रीटमेंट के स्तर पर मात खा गई है। फिल्म दक्षिण कोरियाई फिल्म मोटांज से प्रेरित है। वैसे भी अपने देश में सस्पेन्स और थ्रिल से भरपूर फिल्मों का बेहद अभाव है। जो इक्का दुक्का फिल्में बनती भी हैं उनमें थ्रिल और सस्पेन्स से ज़्यादा उत्तेजक दृश्यों का तड़का लगा होता है। इसलिए गंभीर दर्शक ऐसी फिल्मों से कन्नी काटते हैं। फिल्म तीन के प्रति आकर्षण की वजह इसका कथानक तो था ही, इसके कलाकार भी हैं। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी