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शाह रुख खान और आनंद एल राय की जोड़ी का कमाल

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-अजय ब्रह्मात्‍मज   कल यानी 1 जनवरी 2018 दिन सोमवार को शाम पांच बजे शाह रुख खान और आनंद एल राय अपनी निर्माणाधीन अनाम फिल्‍म के नाम की घोषणा करेंगे। यह भी संकेत मिला है कि वे फिल्‍म की झलकी भी दिखाएंगे। इस अनाम फिल्‍म की घोषणा के बाद से ही दर्शकों के बीच नाम की जिज्ञासा है। चूंकि फिल्‍म का हीरो मेरठ का बौना है,इसलिए सभी मान रहे हैं कि फिल्‍म का नाम ड्वार्फ भी हो सकता है। इन दिनों अंग्रेजी नाम रखने का चलन है। लोगों का मानना निराधार नहीं है। फिल्‍म की योजना और आरंभिक निर्माण के दौरान आनंद एल राय ने हमेशा यही कहा कि नाम तो रख लेंगे...पहले हम अपने विषय और भावनाओं को सलझा लें। कहानी पक्‍की कर लें। कुछ लोग पहले शीर्षक लिख कर कहानी आरंभ करते हैं। वे अपनी कहानी की संभावनाओं और उड़ान से वाकिफ होते हैं। मैा खुद अपने लेखों के शीर्षक पहले नहीं लिख पाता। लेख लिखने के बाद शीर्षक लिखता हूं। रिव्‍यू लिखने के बाद स्‍टार जड़ता हूं। मैंने साथी समीक्षकों को देखा है कि वे फिल्‍म के प्रीव्‍यू से निकलते ही स्‍टार बताने लगते हैं। सभी की अपनी सोच और अपना तरीका। बहरहाल,हम बात कर रहे थे

फिल्‍म समीक्षा : डियर जिंदगी

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फिल्‍म समीक्षा डियर जिंदगी -अजय ब्रह्मात्‍मज हम सभी की जिंदगी जितनी आसान दिखती है,उतनी होती नहीं है। हम सभी की उलझनें हैं,ग्रंथियां हैं,दिक्कतें हैं...हम सभी पूरी जिंदगी उन्‍हें सुलझाते रहते हैं। खुश रहने की कोशिश करते हैं। अनसुलझी गुत्थियों से एडजस्‍ट कर लेते हैं। बाहर से सब कुछ शांत,सुचारू और स्थिर लगता है,लेकिन अंदर ही अंदर खदबदाहट जारी रहती है। किसी नाजुक क्षण में सच का एहसास होता है तो बची जिंदगी खुशगवार हो जाती है। गौरी शिंदे की ‘ डियर जिंदगी ’ क्‍यारा उर्फ कोको की जिंदगी में झांकती है। क्‍यारा अकेली ऐसी लड़की नहीं है। अगर हम अपने आसपास देखें तो अनेक लड़कियां मिलेंगी। वे सभी जूझ रही हैं। अगर समय पर उनकी भी जिंदगी में जहांगीर खान जैसा ‘ दिमाग का डाक्‍टर ’ आ जाए तो शेष जिंदगी सुधर जाए। हिंदी फिल्‍मों की नायिकाएं अब काम करने लगी हैं। उनका एक प्रोफेशन होता है। क्‍यारा उभरती सिनेमैटोग्राफर है। वह स्‍वतंत्र रूप से फीचर फिल्‍म शूट करना चाहती है। उसे रघुवेंद्र से आश्‍वासन मिलता है। संयोग कुछ ऐसा बनता है कि वह स्‍वयं ही मुकर जाती है। मानसिक दुविधा में वह अनिच्‍छा के सा

बौना न कहें मेरे हीरो को - आनंद एल राय

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-अजय ब्रह्मात्‍मज ‘ तनु वेड्स मनु ’ और ‘ रांझणा ’ के निर्देशक आनंद एल राय अपनी नई फिल्‍म की तैयारियों में लगे हैं। इस बीच उनके बैनर ‘ कलर येलो ’ ने ‘ निल बटे सन्‍नाटा ’ और ‘ हैप्‍पी भग जाएगी ’ फिल्‍मों का निर्माण किया। दोनों फिल्‍में सफल रही। इस बैनर की तीसरी फिल्‍म ‘ निम्‍मो ’ भी अगले साल के आरंभ में आ जाएगी। पिछले दिनों शाह रूख खान ने एक ट्वीट से आनंद एल राय के साथ अपनी नई फिल्‍म की जानकारी दी। फिलहाल इस फिल्‍म का टायटल तय नहीं हुआ है। फिर भी कुछ खबरें रिस कर आ रही हैं। मसलन शाह रूख खान इसमें बौने की भूमिका निभाएंगे और यह फिल्‍म फिर से पश्चिम उत्‍तर प्रदेश की पृष्‍ठभूमि में होगी। -आप की अगली फिल्‍म के लिए शाह रूख खान को किस ने चुना ? कहानी ने,फिल्‍म ने,आप ने या शाह रूख ने स्‍वयं यह फिल्‍म चुनी ? 0 डायरेक्‍टर की जिंदगी में हर नई फिल्‍म कहानी से ही शुरू होती है। कहानी ने पहले मुझे चुना और फिर उसी कहानी ने उन्‍हें चुना। उसके बाद हम दोनों साथ आ गए। -शाह रूख खान के प्रति आप के झुकाव की शुरूआत कैसे हुई ? 0 पहली चंद मुलाकातों में ही स्‍पष्‍ट हो गया था कि इतने सालो

फिल्‍म समीक्षा : फैन

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फैन **** चार स्‍टार पहचान और परछाई के बीच -अजय ब्रह्मात्‍मज यशराज फिल्‍म्‍स की ‘ फैन ’ के निर्देशक मनीष शर्मा हैं। मनीष शर्मा और हबीब फजल की जोड़ी ने यशराज फिल्‍म्‍स की फिल्‍मों को नया आयाम दिया है। आदित्‍य चोपड़ा के सहयोग और समर्थन से यशराज फिल्‍म्‍स की फिल्‍मों को नए आयाम दे रहे हैं। ‘ फैन ’ के पहले मनीष शर्मा ने अपेक्षाकृत नए चेहरों को लेकर फिल्‍में बनाईं। इस बार उन्‍हें शाह रुख खान मिले हैं। शाह रुख खान के स्‍तर के पॉपुलर स्टार हों तो फिल्‍म की कहानी उनके किरदार के आसपास ही घूमती है। मनीष शर्मा और हबीब फैजल ने उसका तोड़ निकालने के लिए नायक आर्यन खन्‍ना के साथ एक और किरदार गौरव चान्‍दना गढ़ा है। ‘ फैन ’ इन्‍हीं दोनों किरदारों के रोचक और रोमांचक कहानी है। मनीष शर्मा की ‘ फैन ’ गौरव चान्‍दना की कहानी है। दिल्‍ली के मध्‍यवर्गीय मोहल्‍ले का यह लड़का आर्यन खन्‍ना का जबरा फैन है। उसकी जिंदगी आर्यन खन्‍ना की धुरी पर नाचती है। वह उनकी नकल से अपने मोहल्‍ले की प्रतियोगिता में विजयी होता है। उसकी ख्‍वाहिश है कि एक बार आर्यन खन्‍ना से पांच मिनट की मुलाकात हो जाए तो उसक

गलतियां भी हों अच्‍छी वाली - शाह रुख खान

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-जागरण फीचर टीम शाह रुख खान बीते 25 सालों से फिल्‍म इंडस्‍ट्री में सक्रिय हैं। पांच दिनों बाद उनकी ‘फैन’ रिलीज हो रही है। यह फिल्‍म फैन व स्‍टार के रिश्‍ते को समर्पित है। फिल्‍म की जानकारी लेने व शाह रुख की सोच-अप्रोच जानने दैनिक जागरण की फीचर टीम एक अप्रैल की रात 10 बजे मुंबई स्थित यशराज स्‍टूडियो पहुंची। दिन- रात काम करने के आदी शाह रुख खान फिल्‍म की डबिंग में व्‍यस्‍त मिले। आखिरकार रात 12 बजे शाह रुख खान का बुलावा आया। उनकी वैनिटी वैन में टीम का स्‍वागत हुआ। उस वक्‍त वे फोन पर अपनी बेटी सुहाना की कुशलक्षेम ले रहे थे, जिसमें एक पिता की चिंता साफ झलक रही थी। पेश है उनसे खुली बातचीत : फीचर टीम -फैंस का स्‍टार की जिंदगी पर कितना हक होना चाहिए ? ईमानदार जवाब बहुत अलग है, मैं फिर भी बताता हूं। खासकर खुद के संदर्भ में। मुझे ऐसा लगता है कि लोकप्रियता अपने संग डर लेकर आती है। लोकप्रिय लोग डरने लग जाते हैं। इस बात का डर कि मेरा काम लोगों को पसंद नहीं आया तो पिछले 25 सालों में कमाया नाम बेकार हो जाएगा। यह डर मन में समाते ही स्‍टार वही करने लग जाता है, जो दो करोड़ लोगों को पसं