पीछे नहीं देख सकती अब : कंगना रनोट
-अजय ब्रह्मात्मज कंगना रनोट को नेशनल अवार्ड मिल चुका है। ‘क्वीन’ की रिलीज के बाद से ही माना जा रहा था कि कंगना इस साल सारे पुरस्कार समारोहों की रानी बनेंगी। अफसोस पॉपुलर अवार्ड समारोहों ने उन्हें नजरअंदाज किया, लेकिन नेशनल अवार्ड की ज्यूरी ने उन्हें उनकी कोशिश पर मुहर लगाई। कंगना के करियर पर गौर करें तो इसकी जोरदार शुरुआत 2011 में आई ‘तनु वेड्स मनु’ से होती है। हालांकि इसके पहले ‘फैशन’ में कंगना को बेस्ट सपोर्टिंग अभिनेत्री का अवार्ड मिल चुका था। पिछले दिनों कंगना हरियाणा के झझर इलाके में ‘तनु वेड्स मनु रिटन्र्स’ की शूटिंग कर रही थीं। 23 मार्च को वह 28 की हो गईं। कंगना मानती हैं कि हिंदी फिल्मों में इन दिनों छोटे शहरों पर ध्यान दिया जा रहा है। दर्शक भी ऐसी कहानियां पसंद कर रहे हैं। वह इस ट्रेंड का श्रेय आनंद राय की फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ को देती हैं, ‘मेरी फिल्म पहली और नई कोशिश थी, जिसमें हमने छोटे शहरों की डिफरेंट लव स्टोरी कही थी। कानपुर की तनु के बाद अलग-अलग शहरों की तनु जैसी लड़कियां फिल्मों में आ रही हैं। गौर करें तो हिंदी फिल्मों को एक नया कैरेक्टर ही मिल गया। मुंहफट, तेज