वड़ा पाव क्यों खाते थे दिलीप कुमार?
चलिए आज हिन्दी फिल्मों की पुरानी गलियों में चलते हैं.यह किस्सा दिलीप कुमार से संबंधित है.चवन्नी ने अभी फिल्म पत्रकारिता में कदम नहीं रखा था,तभी उसके एक अभिनेता मित्र ने यह किस्सा सुनाया था.इस किस्से की सच्चाई का दावा करना मुश्किल है.दिलीप कुमार हिन्दी फिल्मों के जीवित किंवदंती है,उनके बारे में अनेक किस्से सुनाई पड़ते हैं। दिलीप कुमार उन दिनों लोकप्रियता के उत्कर्ष पर थे.आये दिन उनके सम्मान में भोज और पार्टियाँ हुआ करती थीं.हर मौक़े पर दिलीप साहेब ही मुख्य अतिथि होते थे.यह किस्सा उनके ड्राइवर का बताया हुआ है,इसलिए इसके सच होने की पूरी गुंजाईश है.और फिर जैसा किस्सा है,वह दिलीप साहब के अंतर्मुखी स्वभाव से मेल खाता है.माना जा सकता है कि दिलीप साहेब ऐसा कर सकते हैं। उनके ड्राइवर ने नोटिस किया कि साहेब कहीं डिनर या पार्टी में जा रहे हों तो अक्सर वहाँ पहुँचने के पहले गाड़ी रुकवा लेते थे और ड्राइवर से वड़ा पाव मंगवा कर खा लेते थे.ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ तो ड्राइवर अपना अचरज नहीं रोक सका .एक दिन उसने हिम्मत जुटाई और पूछ ही लिया,'साहेब ,ये पार्टियाँ आप के लिए ही रखी जाती हैं और आप ही खास