बॉलीवुड में हिन्दी सिर्फ़ बोली जाती है..
-अजय ब्रह्मात्मज अगर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री भी सरकारी या अर्द्धसरकारी संस्थान होता और भारतीय संविधान के राजभाषा अधिनियम के अंतर्गत आता तो शायद झूठे आंकड़ों से ही कम से कम यह पता चलता कि रोजमर्रा के कार्य व्यापार में यहां हिंदी का कितना प्रयोग होता है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कोई हिंदी अधिकारी नहीं है और न ही यह संसदीय राजभाषा समिति के पर्यवेक्षण में है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ऐसी इकाई भी नहीं है कि हिंदी के क्रियान्वयन की वार्षिक रिपोर्ट पेश करे। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के हिंदी परहेज का सबसे बड़ा सबूत है कि इसे बॉलीवुड कहलाने में गर्व महसूस होता है। जी हां, यह सच है कि बॉलीवुड में हिंदी सिर्फ बोली जाती है, लिखी-पढ़ी नहीं जाती। बॉलीवुड में कोई भी काम हिंदी में नहीं होता। आश्चर्य न करे फिल्मों के संवादों के रूप में हम जो हिंदी सुनते है, वह भी इन दिनों देवनागरी में नहीं लिखी जाती। वह रोमन में लिखी जाती है ताकि आज के फिल्म स्टार उसे पढ़कर बोल सकें। अमिताभ बच्चन का ही कथन है कि अभिषेक बच्चन समेत आज के सभी युवा स्टारों की हिंदी कमजोर है। कुछ कलाकार, निर्देशक और तकनीशियन अपवाद हो सकते है, लेकिन