दरअसल : मुनाफा बांटने में हर्ज क्या है ?
-अजय ब्रह्मात्मज मानव संसाधन विकास मंत्रालयके के अधीन गठित कॉपीराइट संशोधन समिति से आमिर खान ने इस्तीफा दे दिया है। उन्हें ऐसा लगा कि जावेद अख्तर के हवाले से छपी खबरों में उन्हें बेवजह निशाना बनाया गया है और उनकी छवि धूमिल की गई है। ऐसा संकेत मिल रहा था कि पूरे मामले में आमिर का विरोधी रवैया है और वे गीतकारों के साथ मुनाफा शेयर करने के पक्ष में नहीं हैं। विमर्श के दौरान उठे विरोधी स्वर को समझने-गुनने से पहले जावेद अख्तर द्वारा सार्वजनिक कर देना एक प्रकार की जल्दबाजी कही जाएगी। अगर इसके साथ समिति की नैतिकता जोड़ी जाए, तो मसला और गंभीर हो जाता है। बहरहाल आमिर के इस्तीफे से कॉपीराइट संशोधन का मुद्दा सरेआम हो गया। चैनल और अखबारों की नजर उस पर गई और पिछले हफ्ते से ही किसी न किसी बहाने से इस पर बहस और खबरें चल रही हैं। आम नागरिक के लिए कॉपीराइट का मुद्दा उतना गंभीर नहीं है। अचानक आमिर ने उन्हें सचेत कर दिया है। यह अच्छा झटका है। अभी चल रही बहस और खबरों से कॉपीराइट के मुद्दे को जानने-समझने का मौका मिल रहा है। यह मामला लंबे समय से अटका पड़ा था। दुनिया भर में कॉपीराइट के प्रावधानों में नित नए