Posts

Showing posts with the label हद तोड़ती हिंदी फिल्‍में

हद तोड़ती हिंदी फिल्‍में

Image
-अजय ब्रह्मात्‍मज यह स्थापित तथ्य है कि हिंदी फिल्मों के इतिहास में हमेशा बाहर से आए फिल्मकारों ने ही फिल्मों के कथ्य का विस्तार किया। उन्होंने नए फॉर्म चुने, अपनी पहचान बनाने के लिए प्रयोग किए, प्रचलित ढर्रे को तोड़ा और अपने समय को प्रभावित किया। आज यही सुनहरा इतिहास खुद को दोहरा रहा है। कहानी, कथ्य, शिल्प, प्रस्तुति, विषय और बिजनेस हर स्तर पर फिल्म इंडस्ट्री में बाहर से आए फिल्मकार निरंतर कुछ जोड़ रहे हैं। वे बालीवुड की सीमित पहचान से बाहर निकलना चाह रहे हैं। बियोंड बालीवुड है उनकी सोच और उनकी फिल्में। इनके विपरीत अगर फिल्म इंडस्ट्री से आए फिल्मकारों पर नजर डालें तो उनमें से अधिकांश अभी रीमेक और सीक्वेल बना रहे हैं। कुछ पुराने फार्मूलों की नई पैकैजिंग और मार्केटिंग कर रहे हैं। हालांकि उनकी फिल्मों को मुनाफे का सुरक्षित समीकरण माना जाता है, लेकिन बॉक्स आफिस पर उन्हें भी चित्त होते देखा गया है। लीक से हटकर सोच नए दौर के निराले फिल्मकारों को समझने के लिए हाल की दो फिल्मों तिग्मांशु धूलिया की पान सिंह तोमर और सुजॉय घोष की कहानी का उदाहरण काफी है। दोनों ही फिल्में यु