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फिल्‍म समीक्षा : वार छोड़ ना यार

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कोशिश हुई बेकार  -अजय ब्रह्मात्‍मज          ऐसी फिल्में कम बनती हैं, लेकिन ऐसी बचकानी फिल्में और भी कम बनती हैं। फराज हैदर ने भारत-पाकिस्तान के बीच विभाजन के बाद जारी पीढि़यों की तनातनी और युद्ध के माहौल को शांति और अमन की सोच के साथ मजाकिया तौर पर पेश किया है। फराज हैदर का विचार प्रशंसनीय है, लेकिन इस विचार को रेखांकित करती उनकी फिल्म 'वार छोड़ ना यार' निराश करती है। सीमा के आर-पार तैनात भारत-पाकिस्तान के कप्तानों के बीच ताश का खेल होता है। हंसी-मजाक और फब्तियां कसी जाती हैं। तनाव बिल्कुल नहीं है। बस जुड़ाव ही जुड़ाव है। इस जुड़ाव के बीच दोनों देशों को विभाजित करते कंटीले तार हैं। युद्ध की संभावना देखते ही एक चैनल की रिपोर्टर रुत दत्ता सीमा पर पहुंच जाती है। युद्ध की विभीषिका से परिचित होने पर वह दोनों देशों के सैनिकों की भावनाओं की सच्ची रिपोर्टिग करती है। जन अभियान आरंभ हो जाता है। दोनों देशों को युद्ध रोकना पड़ता है। फराज हैदर के पास जावेद जाफरी और शरमन जोशी जैसे बेहतरीन कलाकार थे। उन्होंने स्क्रिप्ट की सीमाओं में ही कुछ बेहतर प्रदर्शन की कोशिश की है। छि

यूट्यूब हिंदी टाकीज पर वार छोड़ ना यार

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अपने पैटर्न और कम्फर्ट जोन में खुश हूं-सोहा अली खान

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-अजय ब्रह्मात्मज -‘साहब बीवी गैंगस्टर रिटर्नस’ का संयोग कैसे बना? 0 तिग्मांशु धूलिया की ‘साहब बीवी और गैंगस्टर’ मैंने देखी थी। वह मुझे अच्छी लगी थी। पता चला कि वे सीक्वल बना रहे हैं। मैंने ही उनको फोन किया। मैंने कभी किसी को फोन नहीं किया था। पहली बार मैंने काम मांगा। पार्ट वन में बीवी बहुत बोल्ड थी। मैं सोच रही थी कि कर पाऊंगी कि नहीं? फिर तिग्मांशु ने ही बताया  कि बीवी का रोल टोंड डाउन कर रहे हैं। उस वजह से मैं कम्फटेबल हो गई। फिल्म की रिलीज के बाद भाई ने फोन कर के मुझे बधाई दी। उन्होंने बताया कि रिव्यू के साथ-साथ कलेक्शन भी अच्छा है। - आपकी ‘वार छोड़ न यार’ आ रही है। इसके बारे में कुछ बताएं? 0 पहले मुझे लगा था कि नए डायरेक्टर की फिल्म नहीं करनी चाहिए। बाद में स्क्रिप्ट सुनने पर मैंने हां कर दी। वे दिबाकर बनर्जी के असिस्टेंट रहे हैं। इस फिल्म में मेरे साथ शरमन जोशी, जावेद जाफरी और संजय मिश्रा हैं। बीकानेर के पास बोर्डर के समीप भयंकर गर्मी में इसकी शूटिंग हुई है। अपनी सीमा में हमने हिंदुस्तान और पाकिस्तान बनाया था। यह वार सटायर है। ऐसी फिल्म हिंदी में नहीं बनी है। - किस प्रकार से