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फ़िल्म समीक्षा:वेलकम टू सज्जनपुर

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सहज हास्य का सुंदर चित्रण -अजय ब्रह्मात्मज श्याम बेनेगल की गंभीर फिल्मों से परिचित दर्शकों को वेलकम टू सज्जनपुर छोटी और हल्की फिल्म लग सकती है। एक गांव में ज्यादातर मासूम और चंद चालाक किरदारों को लेकर बुनी गई इस फिल्म में जीवन के हल्के-फुल्के प्रसंगों में छिपे हास्य की गुदगुदी है। साथ ही गांव में चल रही राजनीति और लोकतंत्र की बढ़ती समझ का प्रासंगिक चित्रण है। बेनेगल की फिल्म में हम फूहड़ या ऊलजलूल हास्य की कल्पना ही नहीं कर सकते। लाउड एक्टिंग, अश्लील संवाद और सितारों के आकर्षण को ही कामेडी समझने वाले इस फिल्म से समझ बढ़ा सकते हैं कि भारतीय समाज में हास्य कितना सहज और आम है। सज्जनपुर गांव में महादेव अकेला पढ़ा-लिखा नौजवान है। उसे नौकरी नहीं मिलती तो बीए करने के बावजूद वह सब्जी बेचने के पारिवारिक धंधे में लग जाता है। संयोग से वह गांव की एक दुखियारी के लिए उसके बेटे के नाम भावपूर्ण चिट्ठी लिखता है। बेटा मां की सुध लेता है और महादेव की चिट्ठी लिखने की कला गांव में मशहूर हो जाती है। बाद में वह इसे ही पेशा बना लेता है। चिट्ठी लिखने के क्रम में महादेव के संपर्क में आए किरदारों के जरिए हम गां

श्याम बेनेगल का सम्मान

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-अजय ब्रह्मात्मज थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित 9वें आईफा अवार्ड समारोह के दौरान हिंदी फिल्मों केपुरस्कार समारोह में श्याम बेनेगल को लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दरअसल, श्याम बेनेगल का नाम फिल्म इंडस्ट्री में आज भी बहुत आदर व सम्मान से लिया जाता है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इस अच्छे फिल्मकार के कार्य को अभी तक रेखांकित नहीं किया गया है। चूंकि उनका काम इतना महत्वपूर्ण और स्पष्ट है कि बगैर गहराई में गए ही सभी उनके नाम का उल्लेख करते रहते हैं। गौर करें, तो नामोल्लेख का भी फैशन चलता है। जैसे कि गुरुदत्त, बिमल राय, के.आसिफ जैसे महान फिल्मकारों को बिना देखे ही सिनेप्रेमी महान निर्देशक मान लेते हैं। निश्चित ही वे सभी महान हैं, लेकिन क्या हमने निजी तौर पर उनकी महानता को परखा, देखा और समझा है? आप आसपास पूछ कर देख लें। संभव है, अधिकांश ने उनकी फिल्में देखी भी न हों! ऐसे ही श्याम बेनेगल का नाम हर संदर्भ में लिया जाता है। हिंदी सिनेमा की मुख्यधारा से दरकिनार कर दिए गए विषयों, चरित्रों और स्थानों को श्याम बेनेगल ने अपनी फिल्मों में जगह दी। उन्ह