फिल्म समीक्षा : कमांडो 2
फिल्म रिव्यू हर मुठभेड़ में एक्शन कमांडो 2 -अजय ब्रह्मात्मज पिछले साल नोटबंदी लागू होने के बाद कहा जा रहा था कि काले धन को निकालने में वह मददगार होगी। काले धन पर बहस जारी है। अभी तक सही अनुमान नहीं है कि काला धन निकला भी कि नहीं और सभी के बैंक खातों में पंद्रह लाख रुपए आने की बात, बात ही रह गई। कहते हैं न,जो बातें रियल जिंदगी में संभव नहीं हो पातीं। वे फिल्मों में हो जाती हैं। विपुल अमृतलाल शाह के निर्माण और देवेन भोजानी के निर्देशन में बनी ‘ कमाडो 2 ’ में नोटबंदी सफल,काला धन वापस और किसानों के खातों में पैसे आ जाते हैं। फिल्म के टायटल में ही ‘ द ब्लैक मनी ट्रेल ’ जोड़ दिया गया है। फिल्म का उद्देश्य स्पष्ट था। यों निर्माता-निर्देशक का दावा था कि उन्होंने फिल्म की कहानी पहले सोच ली थी। नोटबंदी तो बाद में लागू हुई। बहरहरल, इस बार कमांडो देश से बाहर गए काले धन को वापस लाने की मुहिम में शामिल है। वे सफल भी होते हैं। कमांडो विद्युत जामवाल हैं। उनमें गजब की स्फूर्ति है। वे एक्शन दृश्यों में सक्षम और गतिशील हैं। फिल्म की शुरूआत में ही पांच मिनट लंबे