फिल्म समीक्षा : मोह माया मनी
फिल्म समीक्षा महानगरीय माया मोह माया मनी -अजय ब्रह्मात्मज मुनीष भारद्वाज ने महानगरीय समाज के एक युवा दंपति अमन और दिव्या को केंद्र में रख कर पारिवारिक और सामाजिक विसंगतियों को जाहिर किया है। अमन और दिव्या दिल्ली में रहते हैं। दिव्या के पास चैनल की अच्छी नौकरी है। वह जिम्मेदार पद पर है। अमन रियल एस्टेट एजेंट है। वह कमीशन और उलटफेर के धंधे में लिप्त है। उसे जल्दी से जल्दी अमीर होना है। दोनों अपनी जिंदगियों में व्यस्त है। शादी के बाद उनके पास एक-दूसरे के लिए समय नहीं है। समय के साथ मुश्किलें और जटिलताएं बढ़ती हैं। अमन दुष्चक्र में फंसता है और अपने अपराध में दिव्या को भी शामिल कर लेता है। देखें तो दोनों साथ रहने के बावजूद एक-दूसरे से अनभिज्ञ होते जा रहे हैं। महानगरीय परिवारों में ऐसे संबंध दिखाई पड़ने लगे हैं। कई बार वे शादी के कुछ सालों में ही तलाक में बदल जाते हैं या फिर विद्रूप तरीके से किसी कारण या स्वार्थ की वजह से चलते रहते हैं। मुनीष भारद्वाज ने वर्तमान उपभोक्ता समाज के दो महात्वाकांक्षी व्यक्तियों की एक सामान्य कहानी ली है। उन्होंने नए प्रसं