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मुझे हंसी-मजाक करने में मजा आता है-जूही चावला

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-अजय ब्रह्मात्‍मज कलर्स पर आज से बच्चों के लिए जूही चावला लेकर आ रही हैं 'बदमाश कंपनी'। शो में वह नजर आएंगी होस्ट की भूमिका में.. क्या है 'बदमाश कंपनी'? 'बदमाश कंपनी' का टाइटल मुझे अच्छा लगा है। शीर्षक से ही जाहिर है कि यह सीधा-स्वीट प्रोग्राम नहीं है। इसमें शरारत है। इस प्रोग्राम को देखते हुए आप हंसेंगे जरूर। बच्चे कभी-कभी अपनी बातों से हमें शर्मिदा या चौंकने पर मजबूर कर देते हैं। वे कुछ सोच कर वैसा नहीं बोलते। सच्चे मन से बोल रहे होते हैं। वे कभी-कभी ऐसी बातें बोल देते हैं, जो आप सोच भी नहीं सकते। जब वे थोड़े बड़े हो जाते हैं, तो फिर हम उन्हें अपनी तरह बना देते हैं। फिर वे सोच कर बोलते हैं और सही चीजें ही बोलते हैं। आप इस 'बदमाश कंपनी' में क्या कर रही है? आप मुझे उनके साथ प्रैंक करते देखेंगे। बंद कमरे में एक सेगमेंट है। फिर एक सेगमेंट बच्चों और पैरेंट्स का है। आपको लगता है कि आप अपने बच्चे को जानते हैं, तो फिर चेक कर लेते हैं कि आप कितना जानते हैं? छोटे-छोटे गेम्स होंगे और फिर हम बच्चों और पैरेंट्स से उनके बारे में पूछेंगे। हमने जवाब पहले से रिकार्ड कर

फिल्‍म समीक्षा : बदमाश कंपनी

-अजय  ब्रह्मात्‍मज सन 1994.. मुंबई की गलियों में पले तीन लुक्खे  कुछ नया करने की सोचते हैं। उनमें से करण तेज दिमाग का लड़का है। मध्यवर्गीय परिवेश और परिवार में उसका दम घुटता है। जल्दी से अमीर बनने के लिए वह पहले विदेशों से सामान लेकर आनेवाला कुरियर ब्वॉय बनता है और फिर अपनी चालाकी से एक दांव खेलता  है। कामयाब होने के बाद उसकी ख्वाहिशें  और मंजिलें बढ़ती हैं। अब वह अमेरिका जाने का सपना देखता  है। वहां भी  वह अपनी जालसाजी में कामयाब रहता है, लेकिन बाद में उसके इगो  और जिद से त्रस्त होकर उसके दोस्त अलग हो जाते हैं। जालसाजी के एक मामले में वह फंसता है। जेल जाता है। जेल से निकलने के बाद उसमें बड़ा बदलाव आता है। वह मेहनत से इज्जत कमाने की कोशिश करता है। इस बार सारे दोस्त मिल जाते हैं और गर्लफ्रेंड भ् ाी  बीवी के तौर पर आ जाती है। परमीत सेठी की बदमाश कंपनी पिछली सदी के अंतिम दशक में अमीर बनने का ख्वाब  देख  रहे शहरी युवकों के फरेब को जाहिर करती है। पिछले सालों में इस विषय पर कई फिल्में आई हैं। परमीत  सेठी उसी कहानी को रोचक तरीके और नए पेंच के साथ कहते हैं। बदमाश कंपनी में शाहिद क