अनोखे गीत : कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
 
 अजीत और सुरैया की इस फिल्म 'मोती महल' का निर्देशन रवीन्द्र दवे ने किया था. १९५२ में रिलीज़ हुई इस फिल्म में सुरैया के गाए कई गीत थे.  एक बार सुरैय्या शूटिंग पर देर से आई और बताया की रास्ते में कार खराब हो  गई थी और यूनिट के लोगों को पूरा किस्सा सुनाया जो की गीतकार प्रेम धवन ने  भी सुना. कहते हैं उसी पर ये गाना उन्होने लिखा जिसे बाद में मोती महल  फिल्म मे शामिल किया गया.  आज विविध भारती पर सुरैया की पुण्य तिथि ( 31जनवरी 2004)  के अवसर पर रेडियो सखी ममता सिंह ने सुरैया का गाया यह गाना पेश किया....    कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में  कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते  में  खड़े रहो बस बेबस होकर रस्ते  में  कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते  में   कपडे हों मैले मुँह काला काला  हो वो सुरैया या मधुबाला  आ हो  हो वो सुरैया या मधुबाला  बड़े बड़े भी बन जाया करते है जोकर रस्ते  में  बड़े बड़े भी बन जाया करते है जोकररस्ते  में  कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते  में   बार बार हैंडल को घुमाया  धक्के दे दे सर चकराया  धक्के दे दे सर चकराया  निकल गया है अपना तो हाय रे कचूमर रस्ते  में  निकल गया है अपना...