सत्यमेव जयते-13 : अकेले व्यक्ति की शक्ति-आमिर खान
मैं अकेला क्या कर सकता हूं? एक अरब बीस करोड़ की आबादी में मैं तो बस एक हूं। अगर मैं बदल भी जाता हूं, तो इससे क्या फर्क पड़ेगा? बाकी का क्या होगा? सबको कौन बदलेगा? पहले सबको बदलो, फिर मैं भी बदल जाऊंगा। ये विचार सबसे नकारात्मक विचारों में से हैं। इन सवालों का सबसे सटीक जवाब दशरथ मांझी की कहानी में छिपा है। यह हमें बताती है कि एक अकेला आदमी क्या हासिल कर सकता है? यह हमें एक व्यक्ति की शक्ति से परिचित कराती है। यह हमें बताती है कि आदमी पहाड़ों को हटा सकता है। बिहार में एक छोटा सा गांव गहलोर पहाड़ों से घिरा है। नजदीकी शहर पहुंचने के लिए गांव वालों को पचास किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता था, जबकि उसकी वास्तविक दूरी महज पांच किलोमीटर ही थी। दरअसल, शहर और गांव के बीच में एक पहाड़ पड़ता था, जिसका चक्कर लगाकर ही गांव वाले वहां पहुंच पाते थे। इस पहाड़ ने गहलोर के वासियों का जीवन नरक बना दिया था। एक दिन गांव में दशरथ मांझी नाम के व्यक्ति ने फैसला किया कि वह पर्वत को काटकर उसके बीच से रास्ता निकालेगा। अपनी बकरियां बेचकर उन्होंने एक हथौड़ा और कुदाल खरीदी और अपने अभियान में जुट गये। गांव वाले उन पर