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मजरूह सुल्तानपुरी : युनुस खान

24 मई को मशहूर शायर और गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी की पुण्यतिथि थी. उनके फ़िल्मी गीतों को लेकर प्रस्तुत है एक दिलचस्प लेख, लिखा है संगीतविद युनुस खान ने. साथ में उनके लिखे ५० सर्वश्रेष्ठ गीतों की सूची भी दी गई है. आमतौर पर लोगों को लगता है कि एक रेडियो-प्रेज़ेन्‍टर के बड़े मज़े होते हैं। दिन भर बस मज़े-से गाने सुनते रहो, सुनाते रहो। लेकिन ये सच नहीं है। अपनी पसंद के गाने सुनने और श्रोताओं की पसंद के गाने सुनवाने में फ़र्क़ होता है। इस हफ्ते में एक दिन मुझे मजरूह सुल्‍तानपुरी के गाने सुनवाने का मौक़ा मिला—और उस दिन वाक़ई मज़ा आ गया। मजरूह मेरे पसंदीदा गीतकार हैं और इसकी कई वजहें हैं। मजरूह ने फिल्‍म-संगीत को ‘शायरी’ या कहें कि ‘साहित्‍य’ की ऊंचाईयों तक पहुंचाने में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया। उनके कई ऐसे गाने हैं जिन्‍हें आप बहुत ही ऊंचे दर्जे की शायरी के लिए याद कर सकते हैं। फिल्‍म ‘तीन देवियां’ (संगीत एस.डी.बर्मन, 1965) के एक बेहद नाज़ुक गीत में वो लिखते हैं---‘मेरे दिल में कौन है तू कि हुआ जहां अंधेरा, वहीं सौ दिए जलाए, तेरे रूख़ की चांदनी ने’। या फिर ‘ऊंचे लोग’ (संगीतकार चित्रगुप्‍त, 1