सीरियस हो रहा है अपना सिनेमा - इरफान
-अजय ब्रह्मात्मज इरफान इन दिनों पांच ’ पांच मिनट की नींदें चुरा रहे हैं। वे व्यस्त हैं। वे एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप और भारत आने पर एक शहर से दूसरे शहर की निरंतर यात्रा पर हैं। इस भागादौड़ी में पांच मिनट की नींद भी पूरी रात से ज्यादा सुकून दे जाती है। सभी जानते हैं कि महाद्वीपों की यात्रा में कभी समय घटता है तो कभी बढ़ता है। उसकी वजह से भारी थकाना होती है। शरीर भी बदलते समय के साथ एडजस्ट होने में समय लेता है। विदेशों से भारत आने पर इरफान की थकान ज्यादा गहरी और लंबी होती है,लेकिन लोकप्रियता के साथ यह सब तो होना ही था। पिछले दिनों वे अपनी ताजा फिल्म ‘ तलवार ’ के साथ टोरंटो में थे। वहां के अनुभव सुनाते हैं, ’ दर्शकों और समीक्षकों ने बहुत सराहा। अब तो टोरंटो में भारत से हर साल कुछ नई फिल्में जाती हैं। यह संकेत है कि भारत की फिल्मों में विविधता आ रही है और फेस्टिवल सर्किट के दर्शक भी हिंदी फिल्में पसंद कर रहे हैं। अब लोग समझ रहे हैं कि भारतीय फिल्मों में केवल नाच-गाना ही नहीं रहता। यहां तक कि नाच-गाना भी बेमतलब नहीं होता। अब सीरियस स्टोरी भी कही जा रह