Posts

Showing posts with the label उर्मिला गुप्ता

शूजित सरकार की नायिकाएं : उर्मिला गुप्ता

Image
शूजित सरकार की नायिकाएं (उर्मिला गुप्ता) ओटीटी प्लेटफार्म पर “गुलाबो-सिताबो” की रिलीज ने सबको एक साथ समीक्षक बना दिया. सभी ने पहले ही दिन फिल्म देख भी ली, और चटपट इतनी सारी समीक्षाएं भी लिख डालीं. कहना न होगा कि काफी ‘समीक्षाएं’ स्पोइलर हैं, और एक ही झटके में पूरी कहानी खोलकर रख देती हैं. वैसे “गुलाबो-सिताबो” फिल्म समीक्षा के मामले में एक नया ही रिकॉर्ड बना ले, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. मैं यहाँ गुलाबो-सिताबो की समीक्षा नहीं करुँगी. शूजित ऐसे निर्देशक हैं, जिनका  अपना एक अलग दर्शक वर्ग है. वो उनकी फिल्म किसी समीक्षा की वजह से नहीं देखता, तो जो शूजित का काम पसंद करते हैं, वो उनकी फिल्म जरूर देखेंगे, भले ही वो किसी भी प्लेटफार्म पर रिलीज हो. इस फिल्म ने मेरा ध्यान विशेष रूप से शूजित के महिला किरदारों की तरफ आकर्षित किया. फिर “पीकू” और “पिंक” को याद करके सोचा कि शूजित की तो फिल्मों में अक्सर महिला किरदार मुखर होते ही हैं. पर फिर भी कुछ तो बात थी, उन किरदारों में जिसने मुझे उनके बारे में और जानने के लिए प्रेरित किया. शूजित सरकार का जन्म बैरकपुर, कोलकाता में हुआ था. बंगाली हिन्दू परिवार म

हिंदी टाकीज 2(12) : बदले दौर की बदलती नायिका - उर्मिला गुप्ता

Image
उर्मिला गुप्ता , पेशे से अनुवादक/संपादक , दिल से पूरी तरह फ़िल्मी | पिछले दस सालों से किताबों की दुनिया में काम करते हुए  20 से ज्यादा किताबों का अनुवाद किया , जिनमें अमीश त्रिपाठी की “सीता: मिथिला की योद्धा”, "इक्ष्वाकु के वंशज" , रश्मि बंसल की "छू लो आसमान" , " सात रंग के सपने" , " मेरे देश की धरती" और अनुजा चौहान की "बैटल फॉर बिटोरा (जिन्नी)" शामिल हैं। राजकमल प्रकाशन से जुड़ने से पहले यात्रा बुक्स में संपादन और अनुवाद कार्य किया | इसके अलावा   स्कोलास्टिक , हार्पर कॉलिन्स , जगरनॉट , वेस्टलैंड और पेंगुइन के साथ स्वतन्त्र रूप से काम किया है। अभी हाल ही अनुवाद कार्य के लिए भारतीय अनुवाद परिषद् से ' द्विवागीश पुरस्कार ' प्राप्त हुआ है | बदले दौर की बदलती नायिका ‘अर्पित मेरा मनुज काय, बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ कहने वाला हमारा समाज पता नहीं कब और कैसे ‘वैयक्तिक हित’ की ओर बढ़ गया| बात ये नहीं है कि ये सोच सही है या गलत – लेकिन सोच में ये बदलाव तो आया ही है| आज ‘लाइफ कोच’ आपसे खुलकर सबसे ऊपर अपनी खुशी रखने की बात क