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लंदन से इरफ़ान का पत्र

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इरफ़ान भारत से दूर विदेश में अपनी दुर्लभ बीमारी का इलाज करवा रहे हैं.यहाँ उनके दर्शक और प्रशंसक उनके जल्दी से सेहतमंद होकर लौटने की कामना कर रहे हैं.सभी की दुआएं और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं. यह पूंजीभूत प्रार्थना इरफ़ान की जीवनधारा और विश्वास की शक्ति है.जिंदगी कई बार ऐसे मोड़ पर ले आती है जब अनिश्चित ही निश्चित जान पड़ता है.मिजाज से योद्धा इरफ़ान की मानसिक अवस्था और अहसास को हम उनकी लिखी इन पंक्तियों में महसूस कर सकते हैं.इरफ़ान ने न्यूज़ लॉन्ड्री के स्तंभकार अजय ब्रह्मात्मज के साथ अपने भावपूर्ण शब्द शेयर किए हैं.हम उसे यहाँ अविकल रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं.... कुछ महीने पहले अचानक मुझे पता चला था कि मैं न्यूरोएन्डोक्रिन कैंसर से ग्रस्त हूँ , मैंने पहली बार यह शब्द सुना था.खोजने पर मैंने पाया कि मेरे इस शब्द पर बहुत ज्यादा शोध नहीं हुए हैं , क्योंकि यह एक दुर्लभ शारीरिक अवसथा का नाम है और इस वजह से इसके उपचार की अनिश्चितता ज्यादा है. अभी तक अपने सफ़र में मैं तेज़- मंद गति से चलता चला जा रहा था ... मेरे साथ   मेरी योजनायें , आकांक्षाएं , सपने और मंजिलें थीं.मैं इनमें लीन बढ़

इरफान की बीमारी और मीडिया मित्र

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इरफान की बीमारी और मीडिया मित्र - अजय ब्रह्मात्‍मज 5 मार्च को इरफान ने ट्वीट किया कि उन्‍हें कोई गंभीर बीमारी हो गई है , जिसकी जांच चल रही है। उन्‍होंने उस ट्वीट में यह भी लिखा था कि हफ्ते दस दिन में वे खुद ही बता देंगे। लेकिन... 1.    एक परिचित का ह्वाट्स एप्‍प पर संदेश - सर , इरफान को क्‍या हुआ है ? 0 मुझे नहीं मालूम। - नहीं , आप उनके करीब रहे हैं। वे आप को रेसपेक्‍ट देते हैं। 0 तो ? उन्‍होंने मुझे कुछ नहीं बताया। पहले भी कभी बीमार पड़े तो मुझे नहीं बताया। वे मुझ से केवल अपनी खुशियां ही शेयर करते हैं। 2.    एक चैनल के संवाददाता – हेलो , इरफान के बारे में आप से बात करनी है ? 0 उनकी बीमारी के बारे में मुझे कुछ भी नहीं मालूम... - नहीं सर , उनकी एक्टिंग के बारे में बात करनी है। 0 आज अचानक उनकी एक्टिंग की सुधि कैसे आ गई ? आज आप मनोज बाजपेयी की एक्टिंग के बारे में पूछें तो बताऊंगा। इरफान पर फिर कभी... -    0000000  3.    एक पॉपुलर वेब साइट के दोस्‍त – हेलो सर , क्‍या चल रहा है ? 0 कुछ खास नहीं। -रिटायरमेंट के बाद क्‍या कर रहे हैं ? आप कुछ

फिल्‍म समीक्षा : करीब करीब सिंगल

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फिल्‍म समीक्षा करीब करीब सिंगल -अजय ब्रह्मात्‍मज अवधि- 125 मिनट ***1/2  साढ़े तीन स्‍टार हिंदी में लिखते-बोलते समय क़रीब के क़ के नीचे का नुक्‍ता गायब हो जाता है। आगे हम इसे करीब ही लिखेंगे। ’ करीब करीब सिंगल ’ कामना चंद्रा की लिखी कहानी पर उनकी बेटी तनुजा चंद्रा निर्देशित फिल्‍म है। नए पाठक जान लें कि कामना चंद्रा ने राज कपूर की ‘ प्रेमरोग ’ लिखी थी। यश चोपड़ा की ‘ चांदनी ’ और विधु विनोद चोपड़ा की ‘ 1942 ए लव स्‍टोरी ’ के लेखन में उनका मुख्‍य योगदान रहा है। इस फिल्‍म की निर्माताओं में इरफान की पत्‍नी सुतपा सिकदर भी हैं। एनएसडी की ग्रेजुएट सुतपा ने फिल्‍में लिखी हैं। इरफान की लीक से हटी फिल्‍मों में उनका अप्रत्‍यक्ष कंट्रीब्‍यूशन रहता है। इस फिल्‍म की शूटिंग में इरफान के बेटे ने भी कैमरे के पीछे हिस्‍सा लिया था। तात्‍पर्य यह कि ‘ करीब करीब सिंगल ’ कई कारणों से इसके अभिनेता और निर्देशक की खास फिल्‍म है। यह खासियत फिल्‍म के प्रति तनुजा चंद्रा और इरफान के समर्पण में भी दिखता है। फिल्‍म के प्रमोशन में इरफान की खास रुचि और हिस्‍सेदारी सबूत है। इस फिल्‍म की पहली

मैंने सुनी दिल की आवाज़ : इरफान

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मैंने सुनी दिल की आवाज़ : इरफान ‘हिंदी मीडियम’ ऊपरी तौर पर भाषाई विभेद की चीज लगे, पर यह अन्य पहलुओं की भी बातें करता है। इसमें नायक की भूमिका निभा रहे इरफान इसकी अहमियत से वाकिफ कराते हैं।     -अजय ब्रह्मात्‍मज -अभी मैं जिस इरफान से बात कर रहा हूं, वो एक्टर इरफान है, स्टार इरफान या वो इरफान जिसे हम सालों से जानते हैं। 0 अक्सर जब हम में बदलाव आते हैं तो लोगों को लगने लगता है कि बंदा बदल सा गया है। इससे मुझे दिक्कत होती है। तब्‍दीली अपरिहार्य है। हरेक का सफर यही होता है कि आप कल वैसा न रहें, जो कल थे। मैं अब क्या हूं, वह मुझे नहीं मालूम। अदाकारी मेरा शौक था। तभी मैंने इसमें कदम रखा। यह मुझे मेरे पागलपन से बचा कर रखता है। बाकी मीडिया ने मुझे किस उपाधि से नवाजा है, यह उनका प्यार है। यह उपाधि आज तो मुझ पर लागू हो रही है, चार साल बाद ऐसा नहीं होगा। मुझे इन उपाधियों व परिभाषाओं से दिक्कत है। असल में यह हमारी असुरक्षा की उपज है। इससे हम खुद को तसल्ली दे लेते हैं कि हम विषय विशेष या खुद के बारे में सब कुछ जान चुके हैं। मुझे असुरक्षाओं से कोई प्रॉब्लम नहीं है। इंसान की इससे बड़ी