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फिल्‍म समीक्षा : बर्फी

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निश्छल प्रेम सी मीठी बर्फी  -अजय ब्रह्मात्मज  अगर फिल्म के शुरू में कही गई पंक्तियों को गौर से सुन लें तो अनुराग बसु की बर्फी को सही संदर्भ और अर्थ में समझने में मदद मिलेगी। चुटीले शब्दों में हिदायत देने के बाद कहा गया है..आज का प्यार ऐसा,टू मिनट नूडल्स जैसा,फेसबुक पर पैदा हुआ,कार में हुआ ये जवां,कोर्ट में जाकर गया मर..आज के प्रेम की शहरी सच्चाई बताने के बाद फिल्म मिसेज सेनगुप्ता के साथ दार्जीलिंग पहुंच जाती है। मिसेज सेनगुप्ता श्रुति हैं। वह बर्फी की कहानी सुनाती हैं। कभी दार्जीलिंग में बर्फी ने पहाड़ी झरने सी अपनी कलकल मासूमियत से उन्हें मोह लिया था। मां के दबाव और प्रभाव में उन्होंने मिस्टर सेनगुप्ता से शादी जरूर कर ली,लेकिन बर्फी का खयाल दिल से कभी नहीं निकाल सकीं। अपने रोमांस के साथ जब वह बर्फी की कहानी सुनाती हैं तो हमारे दिलों की धड़कन भी सामान्य नहीं रह जाती। कभी आंखें भर आती हैं तो कभी हंसी आ जाती है। बर्फी गूंगा-बहरा है। स्वानंद किरकिरे की पंक्तियों और गायकी आला बर्फी के साथ इंट्रोड्यूस होते ही बर्फी हमारा प्रिय हो जाता है। वह हमें रिझा लेता है। उसके

दोहरी खुशी का वक्त है-प्रियंका चोपड़ा

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-अजय ब्रह्मात्मज -आप की ‘बर्फी’ और म्यूजिक सिंगल लगभग साथ-साथ आ रहा है। क्या कहना चाहेंगी? ‘बर्फी’ मेरे करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। परफॉरमेंस के लिहाज से सबसे मुश्किल फिल्म होगी। मैं एक ऑटिस्टिक लडक़ी का रोल प्ले कर रही हूं। बहुत सारे लोग ऑटिस्टिक लोगों के बारे में नहीं जानते हैं।वे बहुत सिंपल,निर्दोष और अपनी दुनिया में मस्त रहते हैं।   मैंने बहुत  संजीदगी से इस रोल को प्ले किया है। मेरे लिए यह बहुत मुश्किल था, लेकिन अनुराग बसु ने यह रोल करवाने में मेरी बहुत मदद की है। उनके पैरों पर मैं इस फिल्म में खड़ी हूं। उम्मीद करती हूं कि यह लोगों को बहुत पसंद आएगा। जहां तक ‘सिंगल’ का सवाल है, तो वह भी नया है। मैंने अपने पैरों पर खड़े होकर परफार्म किया है। मैंने पहले कभी गाया नहीं है। यह अंग्रेजी में होगा। अमेरिका के ब्लैक आइड पीज ग्रुप के साथ मैंने यह गाना गाया है। गाने के बोल हैं, ‘इन माय सिटी’। दरसअल, मैं बचपन से बहुत सारे शहरों को अपने पालन-पोषण का श्रेय देती हूं। बरेली हो, लखनऊ हो, लद्दाख या पुणे और मुंबई। या अमेरिका में बोस्टन हो, न्यूयॉर्क हो, जहां मैं पली-बढ़ी हूं। इसलिए

प्रेम देने में माहिर है बर्फी-रणबीर कपूर

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-अजय ब्रह्मात्मज -कल आप की फिल्म रिलीज हो रही है। क्या कहना चाहेंगे? 0 मैं क्या कहूं? फिल्म के ट्रेलर और गाने बहुत कुछ बोल-बता रहे हैं। यह फिल्म आप को हंसाने और रुलाने के साथ एक नजरिया भी देगी जिंदगी का। अभी इतना ही कह सकता हूं।दर्शक बताएंगे कि पैसा वसूल फिल्म हो पाई कि नहीं? -बर्फी का किरदार क्या है? 0 मैं गुगा-बहरा हूं,लेकिन दस मिनट के अंदर आप किरदार के साथ हो जाएंगे। हम ने उसके गूंगे-बहरे होने पर ज्यादा जोर नहीं दिया है। बर्फी चालू चैप्लिन है। चार्ली चैप्लिन और मिस्टर बिन हमारी प्रेरणा रहे हैं। इस किरदार को अनुराग बसु ने ऐसे ढाला है कि दर्शकों को वह अपना लगे। हम गूंगे-बहरे होने के तकनीकी और मेडिकल तथ्यों में नहीं उलझे हैं। मुझे भाव-भंगिमाएं बनानी पड़ी हैं। बर्फी के एहसास दर्शक महसूस करेंगे। -डोंट वरी,बी बर्फी का क्या तुक है? 0 एक मशहूर गीत है ़ ़  ड़ोंट वरी,बी हैप्पी। हमलोगों ने हैप्पी की जगह बर्फी कर दिया है। बर्फी भी खुशी की तरह का सनसाइन है। वह हमेशा खुशी बांटता है। वह प्यार देने में माहिर है। अगर उसे कोई वापस प्यार नहीं करता तो भी उसका दिल नहीं टूटता। वह मुस्कराता रहता

बर्फी में रणबीर कपूर और प्रियंका चोपड़ा

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अनुराग बसु निर्देशित बर्फी में रणबीर कपूर और प्रियंका चोपड़ा अहम भूमिकाओं में हैं। दोनों को अनुराग ने नए अंदाज में पेश करने की कोशिश की है। इन दिनों इस फिल्‍म की शूटिंग कोलकाता में चल रही है। ये तस्‍वीर इंटरनेट सर्फिंग में दिख गई।