रियल कॉमेडी है यह मेरे लाइफ की -गोविंदा
-अजय ब्रह्मात्मज कैसी विडंबना है? गोविंदा जैसे कलाकारों की तारीफ हो रही है, लेकिन गोविंदा तकलीफ में हैं। उन्हें फिल्में नहीं मिल रही हैं। बीच में एक वक्त ऐसा गुजरा जब गोविंदा के पास बिल्कुल फिल्में नहीं थीं। अभी वे फिर से एक्टिव हुए हैं। होम प्रोडक्शन की ‘अभिनय चक्र’ के साथ वे शाद अली की ‘किल दिल’ में भी दिखेंगे। इनके अलावा कुछ और फिल्मों की बातें भी चल रही हैं। उन्हें दुख इस बात का नहीं है कि उनके पास फिल्में नहीं हैं। वे आहत हैं कि किसी साजिश के तहत उनके करिअर को नुकसान पहुंचाया गया। वे यहां तक कहते और मानते हैं कि उनकी अटकी या अप्रदर्शित फिल्में इसी साजिश का हिस्सा हैं। गोविंदा को अब लगता है कि राजनीति में उनका जाना सही फैसला नहीं रहा। उन्हें इस भूल की कीमत चुकानी पड़ी है। इस व्यथा और विक्षोभ के बावजूद उनकी मुस्कराहट बनी हुई हैं और आंखों की चमक में पुरानी मासूमियत छलकती रहती है। गोविंदा हाल ही में अमेरिका और इंग्लैंड की यात्रा से लौटे हैं। उन्हें खुशी है कि दर्शक अभी तक उन्हें नहीं भूले हैं। आईफा वीकएंड समारोह के दौरान टेम्पा शहर में गोविंदा भी आकर्षण का केन्द्र रहे।