सिनेमालोक : अब फैसलों का इंतजार
सिनेमालोक अब फैसलों का इंतजार -अजय ब्रह्मात्मज 21 वी सदी का तीसरा दशक आरंभ हो चुका है. दो दशक बीत गए. इन दो दशकों में हिंदी फिल्मों ने कुछ नए संकेत दिए. साथ में यह भी जाहिर किया कि दिख रहे बदलावों के स्थाई होने में वक्त लगेगा. मसलन ऐसा लगता रहा कि अब लोकप्रिय खानत्रयी(आमिर, सलमान और शाह रुख) का दबदबा खत्म हुआ. नए सितारे उभरे और चमके लेकिन दो दशकों के इस कयास के बावजूद हम देख रहे हैं कि लोकप्रियता का उनका रुतबा कायम है. उनकी फ्लॉप फिल्में भी 100 करोड़ से अधिक का कारोबार करती हैं. पिछले साल को ही नजर में रखें तो आमिर खान और शाह रुख खान की कोई फिल्म नहीं आई. सलमान खान की दो फिल्में आईं, लेकिन उन फिल्मों का कारोबार अपेक्षा के मुताबिक नहीं हुआ. उनकी आखिरी फिल्म ‘दबंग 3’ का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. बावजूद इसके तीनों खान खबरों में छाए रहते हैं. उनकी फिल्मों का इंतजार रहता है और निर्माता और प्रोडक्शन हाउस उनकी फिल्मों में निवेश करने के लिए तैयार रहते हैं, हां, वे खुद संभल और ठहर गए हैं. उनका संभलना और ठहरना ही संकेत दे रहा है कि कुछ नया हो सकता है. गौर करें तो इसमें नएपन के प्