फिल्म समीक्षा : रॉक ऑन 2
रॉक ऑन 2 पहली से कमतर -अजय ब्रह्मात्मज हिंदी फिल्मों में सीक्वल पिछली या पुरानी फिल्मों से कम ही जुड़ते हैं। ‘ रॉक ऑन 2 ’ और ‘ रॉक ऑन ’ में अनेक चीजें जुड़ी हुई हैं। मुख्य किरदारों में आदि,जो और केडी हैं। पिछली फिल्म के बाद उनके रास्ते अलग हो चुके हैं। दोनों फिल्मों में आठ सालों का अंतर है। इस अंतर को रियल मान लें तो पिछले आठ सालों में आदि मुंबई छोड़ कर मेघालय में बस गया है। वह वहां के एक गांव में कोऑपरेटिव सिस्टम से विकास के काम में लगा है। जो ने एक पॉश क्लब खोल लिया है और रियलिटी शो में जज बनता है। केछी अभी तक म्यूजिक के धंधे में है। केडी चाहता है कि फिर से सारे दोस्त मिलें और अपने बैंड ‘ मैजिक ’ को रिवाइव करें। आदि के जन्मदिन पर सभी दोस्म मेघालय में मिलते हैं। वहां फिर से बैंड को रिवाइव करने की बात उठती है। आदि राजी नहीं होता। बैकस्टोरी सामने आती है कि वह पश्चाताप में जल रहा है। उसे लगता है कि युवा म्यूजिशियन राहुल शर्मा ने उसके नजरअंदाज करने की वजह से ही जान ली। इस बीच एक हादसा और कई संयोग होते हैं। पिछली फिल्म से नई फिल्म को जोड़ने के लिए लेखक