फ़िल्म समीक्षा:बिल्लू
मार्मिक और मनोरंजक -अजय ब्रह्मात्मज शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज ने प्रियदर्शन की प्रतिभा का सही उपयोग करते हुए बिल्लू के रूप में मार्मिक और मनोरंजक फिल्म पेश की है। विश्वनाथन की मूल कहानी लेकर मुश्ताक शेख और प्रियदर्शन ने पटकथा विकसित की है और मनीषा कोराडे ने चुटीले और सारगर्भित संवाद लिखे हैं। लंबे समय के बाद किसी फिल्म में ऐसे प्रासंगिक और दृश्य के अनुकूल संवाद सुनाई पड़े हैं। बिल्लू सच और सपने को मिलाती भावनात्मक कहानी है, जो एक स्तर पर दिल को छूती और आंखों को नम करती है। इस फिल्म का सच है बिल्लू, जिसे इरफान खान ने पूरे संयम से निभाया है। फिल्म का सपना साहिर खान है, जो शाहरुख खान की तरह ही अतिनाटकीय है। सच, सपना और कल्पना का घालमेल भी किया गया है। साहिर खान के रोल में शाहरुख खान को लेना और शाहरुख खान की अपनी फिल्मों को साहिर खान की फिल्मों के तौर पर दिखाना एक स्तर पर उलझन और भ्रम पैदा करता है। बिल्लू में ऐसी उलझन अन्य स्तरों पर भी होती है। फिल्म की कहानी उत्तरप्रदेश के बुदबुदा गांव में घटित होती है। उत्तर प्रदेश के गांव में नारियल के पेड़, बांध और पहाड़ एक साथ देखकर हैरानी