फिल्म समीक्षा : लव का द एंड
0 यशराज फिल्म्स ने एक अलग बैनर खड़ा किया है। इस कंपनी के कर्ता-धर्ता को लगता है कि युवा दर्शकों को अपने लिए अलग किस्म का सिनेमा चाहिए। इसी गरज से वाई फिल्म्स ने लव का द एंड का निर्माण किया है। फिल्म देखकर लगता है कि अगर युवाओं की यही पसंद है तो उन्हें सुधारने और समझाने की जरूरत है। जरूरी तो नहीं है कि दर्शक जो चाहें, वही परोसा जाए। जिम्मेदारी भी कोई चीज होती है। 0 क्या यूथ प्रेम और रिश्तों को लेकर इतना ढुलमुल, अनिश्चित और गैरजिम्मेदार है। प्यार के पहले एहसास की उम्र में यूथ का इतने निगेटिव होने की बात जमती नहीं। प्यार में धोखा खाने पर सबक सिखाना ठीक है, पर पहले प्यार तो हो। अभी ढंग से प्यार भी नहीं हुआ और धोखे एवं बदले की बात आ गई। 0 लव का द एंड में रिया और लव की अप्रेमकहानी अविश्वसनीय और पूरी तरह से अकाल्पनिक है। लेखक और निर्देशक दूर की कौड़ी ले आए हैं। खयाल को कहानी का रूप देकर उसे फिल्मा लिया है। खोज-खबर लेनी होगी कि रिया और लव जैसे यूथ देश के किस शहर और किस मोहल्ले में रहते हैं? प्रेम को लेकर यूथ की अस्पष्टता को भी यह फिल्म ठीक से नहीं रखती। 0 लव का द एंड में सिर्फ शोर