देवदास के बहाने
-अजय ब्रह्मात्मज अप्रतिम फिल्म है बिमल राय की देवदास। शरतचंद्र चटर्जी के उपन्यास देवदास पर बनी अनेक फिल्मों में अभी तक बिमल राय की देवदास को ही श्रेष्ठ फिल्म माना जाता है। अनुराग कश्यप ने देव डी में देवदास को बिल्कुल अलग रूप में पेश किया। बहरहाल, देवदास की पूरी पटकथा को किताब के रूप में लाने के दो प्रयास मेरे सामने हैं। 2003 में सुरेश शर्मा ने बिमल राय का देवदास नाम से इसकी पटकथा को राधाकृष्ण प्रकाशन के सौजन्य से प्रकाशित किया था। उस साल इसका विमोचन मुंबई के सोवियत कल्चर सेंटर में वैजयंतीमाला के हाथों हुआ था। बिमल राय की बेटी रिंकी भट्टाचार्य के सौजन्य से सुरेश शर्मा को मूल पटकथा मिली थी। उन्होंने मूल पटकथा को व्यावहारिक तरीके से ऐक्शन और संवाद के साथ प्रकाशित किया है। पिछले बुधवार की शाम मुंबई के महबूब स्टूडियो में नसरीन मुन्नी कबीर के प्रयास से उनके संपादन में प्रकाशित द डायलॉग ऑफ देवदास का विमोचन हुआ। इस अवसर संजय लीला भंसाली की देवदास के नायक शाहरुख खान आए। उन्होंने इस मौके के लिए लिखे दिलीप कुमार के पत्र को पढ़कर सुनाया। उस पत्र में दिलीप साहब ने देवदास की अपनी स्मृतियों को साझा