Posts

Showing posts with the label बेला नेगी

फिल्म समीक्षा:दाएं या बाएं

- अजय ब्रह्मात्मज ना कोई प्रेमकहानी, ना ही कोई गाना-बजाना.. ढिशुम-ढिशुम भी नहीं.. बेला नेगी की दाएं या बाएं पहाड़ी जीवन की एक सरल कहानी है, जो संवेदनशील तरीके से पहाड़ में आ रहे बदलाव की झलक देती है। बेला ने रमेश मजीला को फिल्म के नायक के तौर पर चुना है, जो हिंदी फिल्मों के कथित नायक की परिभाषा में फिट नहीं होता। आम जिंदगी में हम कहां फिल्मी नायक होते हैं? रोजमर्रा की जिंदगी के संघर्ष में हमारे कुछ फैसले खास होते हैं। उनसे दिशा बदल जाती है। रमेश मजीला की जिंदगी में भी ऐसी घड़ी आती है और उसका फैसला हमें प्रभावित करता है। पहाड़ों से मुंबई आकर टीवी सीरियल के लेखक बन चुके रमेश शहरी माहौल से उकता कर अपने गांव काण्डा लौट जाते हैं। उनके सामने कोई स्पष्ट प्लान नहीं है। उन्हें यह भी नहीं मालूम कि गांव में आजीविका का कैसे इंतजाम हो पाएगा। बस एक जज्बा कि अब गांव में ही कुछ करना है। गांव लौटने के बाद स्थानीय प्रतिभाओं को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से वे काण्डा कला केन्द्र की स्थापना की योजना बनाते हैं। इस बीच एक जिंगल लिखने से उनके घर कार आ जाती है। आने के साथ ही कार उनकी गतिविधिय