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आत्मकथा नहीं लिखना चाहते सलीम खान

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-अजय ब्रह्मात्मज सलीम खान के साथ घंटों बिताने के बाद चलते वक्त नंबर लेने के बाद जब मैंने पूछा कि क्या कभी उनसे फोन पर बातें की जा सकती हैं? उनका सीधा जवाब था, भाई, मैं तो रॉन्ग नंबर से आए कॉल पर भी आधे घंटे बात करता हूं। आप तो परिचित हैं और पत्रकार हैं। सलीम खान के व्यक्तित्व का अनुमान बगैर उनकी संगत के नहीं हो सकता। वे मीडिया से बातें नहीं करते और न अपने जोड़ीदार जावेद अख्तर की तरह बयान और भाषणों के लिए उपलब्ध रहते हैं। उनका अपना एक रुटीन है। वे उसमें व्यस्त रहते हैं। आज जिस उदारता, मेहमाननवाजी और फराक दिल के लिए सलमान खान की तारीफ की जाती है, वह सब उन्हें सलीम खान से विरासत में मिली है। सलीम खान इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन साथ में यह बताना नहीं भूलते कि सलमान की अपनी खासियतें हैं। वह अपने ढंग का वाहिद लड़का है। मेरा बेटा है, इसलिए नहीं.., वह सचमुच टैलेंटेड आर्टिस्ट है। सलीम खान कमरे में टंगी पेंटिंग्स की तरफ इशारा करते हैं। उसे नींद नहीं आती। वह बेचैन रहता है। मैं उसकी क्रिएटिव छटपटाहट को समझ सकता हूं। कभी मैं भी उसकी तरह बेचैन रहता था। वे यादों की गलियों में लौटते हुए बताते हैं कि इ