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दरअसल:जल्दी ही टूटेगा गजनी का रिकार्ड

-अजय ब्रह्मात्मज मंदी के इस दौर में गजनी के रिकार्ड तोड़ कलेक्शन से कुछ संकेत लिए जा सकते हैं। गजनी की मार्केटिंग, पॉपुलैरिटी और स्वीकृति से निस्संदेह इसके निर्माताओं को फायदा हुआ। साथ ही देश के वितरक और प्रदर्शकों को भी लाभ हुआ। गजनी ने हिंदी फिल्मों के दर्शकों की संख्या बढ़ा दी है। यह संख्या घटने पर भी अंतिम प्रभाव में हिंदी फिल्मों के व्यवसाय का विस्तार करेगी। यकीन करें, गजनी के कलेक्शन के रिकार्ड को टूटने में अब आठ या पंद्रह साल का वक्त नहीं लगेगा। बमुश्किल दो सालों में ही कोई फिल्म तीन अरब का कलेक्शन कर सकती है। अपनी लोकप्रियता के कारण गजनी इवेंट फिल्म बन गई है। कुछ दिनों पहले तक यह आम सवाल था कि आपने गजनी देखी क्या? ऐसी फिल्में अपनी प्रतिष्ठा (लोग इसे पॉपुलैरिटी या ब्रैंडिंग भी कह सकते हैं) से नए दर्शक तैयार करती हैं। नए दर्शकों का एक हिस्सा कालांतर में फिल्मों का स्थायी दर्शक बनता है। हर दशक में अभी तक एक-दो फिल्में ही इस स्तर तक पहुंच सकी हैं। आने वाले सालों में ऐसी इवेंट फिल्मों की संख्या में वृद्धि होगी, क्योंकि उन्हें दर्शकों का समर्थन मिलेगा। हिंदी फिल्मों का आम दर्शक एक