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फिल्‍म समीक्षा : तेरा सुरुर

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हिमेश की गायकी और डबलिन की खूबसूरती तेरा सुरूर अजय ब्रह्मात्‍मज निश्चित ही हिमश रेशमिया अपनी खूबियों के बारे में जानते हैं। वे अपनी फिल्‍मों में उन खूबियों को पर्याप्‍त स्‍पेस और फोकस के साथ पेश करते हें। उनकी फिल्‍मों की सजावट खूबसूरत और आकर्षक रहती है। ‘ तेरा सुरूर ’ में वे दर्शकों को डबलिन के लोकेशन पर ले जाते हैं। डबलिन के विहंगम दृश्‍यों(एरियल शॉट) से शहर की खूबसूरती की मनोरम झलक मिलती है। हम इस शहर में विभिन्‍न बहानों से बार-बार हिमेश रेशमिया को देखते हैं। कभी वे गा रहे होते हैं। कभी सोच रहे होते हैं। और कभी एक्‍शन कर रहे होते हैं। कैमरा उन्‍हें खोज ही लेता है। सब कुछ अच्‍छी तरह से दिखाने के लिए फिल्‍म में स्‍लो मोशन का भरपूर इस्‍तेमाल किया गया है। हम हिमेश रेशमिया की बदली कद-काठी,हीरोइन फराह करीमी की सुदरता,मां शरनाज पटेल की ममता और शेखर कपूर,कबीर बेदी,नसीरूद्दीन शाह की मौजूदगी से अभिभूत होते हैं। संदर्भ के लिए यह हिंदी फिल्‍मों की जूनियर आर्टिस्‍ट मां के बेटे रघु की कहानी है। बचपन में परिस्थितियों के कारण वह अपराधी बन जाता है। जेल से निकलन

फिल्‍म समीक्षा : खिलाड़ी 786

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  एक्शन से हंसाता -अजय ब्रह्मात्‍मज सलमान खान की तरह अक्षय कुमार ने भी मनोरंजन का मसाला और फार्मूला पा लिया है। लग सकता है कि वे सलमान खान की नकल कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि अभी हर स्टार और डायरेक्टर एक-दूसरे की नकल से कामयाबी हासिल करने की जल्दबाजी में हैं। इस दौर में मुख्यधारा की फिल्मों में मौलिकता की चाह रखेंगे तो थिएटर के बाहर ही रहना होगा। आशीष आर. मोहन की 'खिलाड़ी 786' की प्रस्तुति में हाल-फिलहाल में सफल रही मसाला फिल्मों का सीधा प्रभाव है। जैसे कोई पॉपुलर लतीफा हर किसी के मुंह से मजेदार लगता है, वैसे ही हर निर्देशक की ऐसी फिल्में मनोरंजक लगती हैं। 'खिलाड़ी 786' का लेखन हिमेश रेशमिया ने किया है। वे इसके निर्माताओं में से एक हैं। सेकेंड लीड में वे मनसुख भाई के रूप में भी दिखाई पड़ते हैं। पिछली कुछ फिल्मों में दर्शकों द्वारा नापसंद किए जाने के बाद पर्दे पर आने का उन्होंने नया पैंतरा अपनाया है। फिल्म के प्रचार में दावा किया गया कि यह अक्षय कुमार की 'खिलाड़ी' सीरिज की फिल्म है, लेकिन यह दावा फिल्म के टायटल और एक संवाद तक ही सीमित है। '

फिल्‍म समीक्षा : रेडियो

-अजय ब्रह्मात्‍मज हिमेश रेशमिया की भिन्नता के कारण उनकी फिल्मों को लेकर उत्सुकता रहती है। रेडियो में वे नए रूप और अंदाज में हैं। उनकी एक्टिंग में सुधार आया है। उन्होंने अपनी एक्टिंग रेंज के हिसाब से कहानी चुनी है या यों कहें कि निर्देशक ईशान त्रिवेदी ने उनकी खूबियों और सीमाओं का खयाल रखते हुए स्क्रिप्ट लिखी है। अगर हिमेश रेशमिया से बड़ी उम्मीद न रखें तो फिल्म निराश नहीं करती। विवान और पूजा का दांपत्य जीवन सामान्य नहीं चल रहा है। उन्हें लगता है कि वे दोस्त ही अच्छे थे। परस्पर सहमति से वे तलाक ले लेते हैं, लेकिन एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं। इस बीच विवान की मुलाकात शनाया से होती है। शनाया धीरे-धीरे विवान की प्रोफेशनल और पर्सनल जिंदगी में आ जाती है। दोनों मिल कर रेडियो पर मिस्ट्री गर्ल नामक शो आरंभ करते हैं, जिसमें शनाया विवान की रहस्यपूर्ण प्रेमिका बनती है। विवान को पता भी नहीं चलता और वह वास्तव में शनाया से प्रेम करने लगता है। विवान की जिंदगी में आ चुकी शनाया को उसकी तलाकशुदा बीवी पहचान लेती है। आखिरकार विवान अपने प्रेम को स्वीकार करने के साथ उसका इजहार भी करता