सिनेमालोक : बरतनी होगी सावधानी
सिनेमालोक
बरतनी होगी सावधानी
-अजय ब्रह्मात्मज
खबरें आ रही है कि फिल्मों की शूटिंग
की तैयारियां चल रही हैं. पिछले स्तम्भ में मैंने सूचना दी थी अमिताभ बच्चन ‘कौन
बन गया करोड़पति’ और अक्षय कुमार स्कॉटलैंड में ‘बेल बॉटम’ की शूटिंग कर रहे हैं.
मुंबई के स्टूडियो मैं भी हलचलें आरंभ हो गई हैं. फिल्मसिटी और अन्य स्टूडियो में
आने-जाने वाली गाड़ियों की संख्या बढ़ गई है. फ्लोर पर जाने के पहले सब कुछ देखा-परखा
जा रहा है. इस बीच ऐड और इंडोर्समेंट की शूटिंग चल रही है. कुछ पॉपुलर छोटे शूट से
सीख-समझ रहे हैं कि किस तरह के एहतियात पर गौर करने की जरूरत है.
वैक्सीन आने तक सरकार और स्थानीय
प्रशासन की हिदायतों का पालन करना सभी की सेहत के लिए ठीक रहेगा. शॉट के लालच में
कोई भी ढील नहीं बरती जा सकती. फिल्म की शूटिंग में निचले स्तर के जरूरी काम करने
वाले कामगारों को सबसे ज्यादा खटना पड़ता है. उनकी सुरक्षा का पक्का इंतजाम भी
नहीं रहता. नॉर्मल दिनों में हुई दुर्घटनाओं में मैं उनके ही शिकार होने की के
समाचार मिलते हैं. अभी जो गतिविधियां आरंभ हुई हैं, उनमें शूटिंग के बेसिक इंतजाम
में जुटे कामगारों को सुरक्षा के सभी साधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं रहते.उन्हें
बेहद जरूरी रक्षक सामग्रियां भी कम से कम मात्रा में दी जाती हैं, जबकि उनका
इंटरेक्शन और एक्सपोजर सबसे ज्यादा होता है. उन्हें ज्यादा समय तक खुले में रहना
पड़ता है. पता चला है कि मास्क और सैनिटाइजर का कोटा सुबह दे दिया जाता है. उसके
बाद जरूरत पड़ने पर उन्हें गिरगिराना पड़ता है.
विदेशों में शूटिंग स्थल पर ‘कोविड-19 स्वास्थ्य और सुरक्षा सुपरवाइजर’ को
बुलाया जाता है. वह किसी भी आपात स्थिति के लिए मुस्तैद रहता है. साथ ही जरूरी ही
राय भी देता है. अपने देश में ऐसे किसी सुपरवाइजर या अधिकारी के बारे में नहीं सुनाई
पड़ा प्रशासनिक मार्गनिर्देश को मोटे तौर पर अपना लिया गया है. फिलहाल जरूरी है कि
हर सेट पर एक स्टैंडी पर सारी हिदायतें लिखकर रख दी जाएं ताकि आते-जाते यूनिट के
सभी सदस्यों की नजर उस पर पड़े और वे सचेत हो जाएं. विदेशों से आई शूटिंग के
अनुभवों से यह भी जानकारी मिली है कि हर फिल्म यूनिट के एक सदस्य खासकर असिस्टेंट
डायरेक्टर को विशेष स्थितियों के लिए अलग से प्रशिक्षित किया जा रहा है. आखिर हम
पहली बार कोविड-19 के दुष्प्रभाव से जूझ रहे हैं. वह असिस्टेंट
सारी जानकारियां रखता है और यूनिट के कलाकारों व तकनीशियनों को बताता है. हम सभी एक
छोटी भूल कर रहे हैं कि मास्क को हम रुमाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. मास्क
हमारे नाक और मुंह को ढकने से सांस लेते और बोलते समय नाक और मुंह से निकले भाप से
गीला हो जाता है. शूटिंग तो क्या हमें आम जीवन में भी दो-तीन घंटों से ज्यादा एक
मास्क का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. रोजाना उसकी उचित धुलाई होनी चाहिए. कपड़े के
मास्क अधिक उपयोगी और सस्ते भी हैं. अभी तो ऐसे मास्क भी आ गए हैं, जिनमें फिल्टर
लगे हैं. इसी प्रकार सैनिटाइजर के स्प्रे मिल रहे हैं. आप किसी भी सतह के संसर्ग
में आने से पहले उसे स्प्रे कर दें.
कोविड-19 स्वास्थ्य और सुरक्षा के इंतजाम में निर्माता का खर्च बढ़ गया है. यह
भी देखने में आ रहा है कि बड़े छोटे सभी कलाकार मास्क और सैनिटाइजर का बेजा इस्तेमाल
और दुरुपयोग कर रहे हैं. आदतन वे उन्हें घर भी ले जाते हैं. बड़े प्रोडक्शन हाउस
के लिए तो यह मामूली खर्च है,लेकिन स्वतंत्र निर्माताओं के लिए भारी पड़ रहा है.
तुर्रा यह है कि स्टार भी शूटिंग पर आते-जाते निजी खर्च से इन सामग्रियों की खरीद
नहीं करते. स्टूडियो और बड़े प्रोडक्शन हाउस में तो ‘सैनिटाइजर शॉवर’ की व्यवस्था
कर ली गई है,जिसके नीचे से गुजरना पड़ता है. एक स्टूडियो से जानकारी मिली कि एक
अभिनेता ने शॉवर के नीचे से गुजरने से मना कर दिया. पता नहीं उन्हें क्या आशंका और
दिक्कत थी. उन्होंने वहां मौजूद गार्ड की बात भी नहीं मानी और साइड से स्टूडियो के
फ्लोर पर एंट्री मार दी. इस तरह के असावधानी स्वयं उनके और दूसरों के लिए खतरनाक
हो सकती है.
यह समझने की जरूरत है कि कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है. गतिविधियां तो
लाचारी में आरंभ हो रही हैं, लेकिन संक्रमण चढ़ान पर है. इस समय अधिक सावधानी की
जरूरत है, क्योंकि ज्यादा लोग घरों से निकल रहे हैं. काम पर जा रहे हैं. लोगोने से
मिल रहे हैं. शहरों और महानगरों में बिल्कुल जानकारी नहीं रहती कि पास में खड़ा
व्यक्ति किस इलाके और किन व्यक्तियों से मिलकर आ रहा है? इसका संक्रमण एक व्यक्ति
का तक सीमित नहीं रहता. हम देख चुके हैं कि यह चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ता है.
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