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साथ नाचे ऋषि, नीतू और रणबीर कपूर

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-अजय ब्रह्मात्मज फिल्म सिटी फ्लॉर नंबर 11     वैनिटी वैन और महंगी कारों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सुबह से ही तांता लगा हुआ है। यहां अभिनव सिंह कश्यप ‘बेशर्म’ के एक गाने की शूटिंग कर रहे हैं। यह कोई खास बात नहीं है। हिंदी फिल्मों में गानों की शूटिंग चलती रहती है। गौर करें तो अभिनव ‘बेशर्म’ की खासियत (यूएसपी) को विस्तार दे रहे हैं। रणबीर कपूर की इस फिल्म में उनकी मां नीतू सिंह और पिता ऋषि कपूर को भूमिकाएं देने के बाद अब वे उन्हें एक साथ नचा भी रहे हैं।     ‘बेशर्म’ के लिए यह खास गाना कुमार ने लिखा है। ललित पंडित के संगीत निर्देशन में इसे मीका, दलेर मेंहदी और सुनिधि चौहान ने आवाज दी है। जश्न के इस गाने में फिल्म के हीरो-हीरोइन रणबीर कपूर और पल्लवी शारदा के साथ ऋषि कपूर और नीतू सिंह भी ठुमके लगा रहे हैं। गाने में जोश है और संगीत बजते ही पांव खुद थिरकने लगते हैं। नृत्य निर्देशन की कमान बोस्को-सीजर ने संभाल रखी है। दर्शकों को बता दें कि गानों की शूटिंग में फिल्म के निर्देशक की भूमिका गौण हो जाती है। फील और थीम बताने के बाद वह सारी जिम्मेदारी कोरियोग्राफर पर छोड़ देता है। सुपरविज

दमदार कश्यप बंधु -रघुवेन्‍द्र सिंह

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यह आर्टिकल चवन्‍नी के पाठकों के लिए रघुवेन्‍द्र सिंह के ब्‍लॉग अक्‍स-रघुवेन्‍द्र से यहां कट-पेस्‍ट किया गया है.... बड़े भाई ने हिंदी फिल्मों के पारंपरिक ढांचे को ढाह दिया और एक नई सिनेमाई परंपरा की शुरुआत की, और छोटे भाई ने हिंदी सिनेमा की प्रचलित परंपरा की परिधि में रहकर कीर्ति अर्जित की. हिंदी सिनेमा की पाठशाला में दोनों साथ बैठा करते थे, फिर एक क्रांतिकारी और दूसरा अनुयायी कैसे बन गया? चर्चित फिल्मकार बंधुओं अनुराग कश्यप और अभिनव कश्यप के साथ पहली बार उनके रोमांचक अतीत की यात्रा कर रहे हैं रघुवेन्द्र सिंह .   अनुराग कश्यप ने अपना वादा निभाया. उन्होंने अपने छोटे भाई अभिनव कश्यप से स्वयं बात की और फिल्मफेयर के लिए इस संयुक्त बातचीत का प्रबंध अपने घर पर किया. कश्यप बंधुओं का एक साथ बातचीत के लिए तैयार होना हमारे लिए प्रसन्नता और उत्साह का विषय था. हमारी इस भावना से जब अनुराग और अभिनव वाकिफ हुए तो दोनों खिलखिलाकर हंस पड़े. अनुराग ने अपनी हंसी पर नियंत्रण किया और बड़े सहज भाव से कहा, ‘‘लोगों को पता नहीं क्यों ऐसा लगता है कि हम आपस में बात नहीं करते. लोगों के

दबंग देखने लौटे दर्शक

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-अजय ब्रह्मात्‍मज पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और मधुबनी..। पिछले दिनों इन चार शहरों से गुजरने का मौका मिला। हर शहर में दबंग की एक जैसी स्थिति नजर आई। अभिनव सिंह कश्यप की यह फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई है। तीन हफ्तों के बाद भी इनके दर्शकों में भारी गिरावट नहीं आई है। बिहार के वितरक और प्रदर्शकों से लग रहा है कि दबंग सलमान खान की ही पिछली फिल्म वांटेड से ज्यादा बिजनेस करेगी। उल्लेखनीय है कि बिहार में वांटेड का कारोबार 3 इडियट्स से अधिक था और सलमान खान बिहार में सर्वाधिक लोकप्रिय स्टार हैं। पटना में फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम दबंग की कामयाबी से बहुत अधिक चकित नहीं हैं। बातचीत के क्रम में उन्होंने अपनी एक राय जाहिर की, गौर से देखें तो दबंग हिंदी में बनी भोजपुरी फिल्म है। यही कारण है कि पिछले दस सालों में हिंदी सिनेमा से उपेक्षित हो चुके दर्शकों ने इसे हाथोंहाथ अपनाया। पिछले दस सालों में भोजपुरी सिनेमा ने उत्तर भारत और खासकर बिहार और पूर्वी यूपी में दर्शकों के मनोरंजन की जरूरतें पूरी की है। उनकी रुचि और पसंद पर दबंग खरी उतरी है। विनोद अनुपम की राय में सच्चाई है। दबंग में हिंदी सिनेमा में पिछले