अब मेरे पास लोगों के सवालों के जवाब हैंः अभिनेता विनीत कुमार सिंह
-अजय ब्रह्मात्मज विनीत कुमार सिंह को एक उभरता हुआ अभिनेता कहना ठीक नहीं होगा। वे पिछले करीब 18 वर्षों से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। कई फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार निभाने के बाद अब जाकर इंडस्ट्री में उनकी खास पहचान बनी है। विनीत कुमार सिंह ने करीब 18 साल पहले एक टैलेंट हंट के जरिये मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। उन्होंने बहुत सारे छोटे-छोटे किरदार निभाये, फिल्म ‘चेन कुली की मेन कुली की’ (2007) का सहायक निर्देशन भी किया, लेकिन उनकी अलग पहचान बनी फिल्म ‘बॉम्बे टॉकीज’ (2013) और ‘गैंग्स ऑफ वासीपुर’ (2012) से। उसके बाद जब अनुराग कश्यप की ‘अग्ली’ (2013) का कान फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शन हुआ तो लोगों ने उनके अभिनय की काफी सराहना की। लेकिन अब भी वे बतौर अभिनेता कमर्शियल सफलता से दूर थे। लेकिन ये साल उनके लिए बहुत खुशकिस्मत रहा। ‘मुक्काबाज’ में उनके अभिनय और पटकथा को ना सिर्फ सराहा गया बल्कि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। उसके बाद आई सुधीर मिश्र की ‘दास देव’, जिसका प्रदर्शन तो औसत रहा, लेकिन विनीत ने अपने सशक्त अभिनय से फिल्म में एक