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ऐश्वर्या राय से अजय ब्रह्मात्मज की बातचीत

ऐश्वर्या राय की यह बातचीत उनके व्यक्तित्व के ऐसे पहलुओं को सामने लाती है, जिनकेबारे में वे कम बातें करती हैं। यहां हम एक बेटी, बहू और बीवी ऐश्वर्या राय साथ ही ऐक्ट्रेस ऐश्वर्या राय से मिलते हैं॥ ऐश्वर्या राय की कई पहचान है। वह मिस व‌र्ल्ड रही हैं। एक्ट्रेस हैं। एक ब्रांड हैं। बेटी हैं और अब पत्नी एवं बहू भी हैं। बहू होते ही जब आप नए घर में जाती हैं तो बहुत कुछ छूटता या छोड़ना पड़ता है ़ ़ ़ मैं भगवान की शुक्रगुजार हूं। उनका आशीर्वाद है। मैं एक घर से ब्याह कर दूसरे घर में आई हूं तो फिर से वही मां-बाप का प्यार, वही अपनापन मिला ़ ़ ़ यह सिर्फ इंटरव्यू के लिए नहीं कह रही हूं। दिल की बात कह रही हूं। अभिषेक और हम हमेशा कहते हैं कि अब हमें दो मां-पिता मिल गए हैं। इसके लिए मैं उन्हें भी धन्यवाद दूंगी, क्योंकि हमारे अंदर अगर यह भावना है तो यह उनकी ही देन है। शायद हमारी परवरिश में ही था। हमें कुछ अलग से नहीं सिखाया गया। हमारे अंदर पहले से ही था। दोनों ही परिवारों में कई संभावनाएं हैं। मैं जिस परिवार से आई और जिस परिवार में व्याही गई-दोनों लगभग एक जैसे ही हैं। किसी भी लड़की के लिए यह बहुत बड़ा एह

बॉक्स ऑफिस:०६.०५.२००८

अगले ही दिन ढेर हुई वुडस्टॉक विला सिर्फ प्रचार से फिल्में चल जातीं तो सिकंदर खेर अभिनीत वुडस्टॉक विला को बॉक्स आफिस पर कीर्तिमान स्थापित करना चाहिए था। सच है कि संजय गुप्ता की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पहले ही दिन दम तोड़ दिया। सिकंदर खेर का आकर्षण काम नहीं कर सका। दर्शक नहीं आए और फिल्म अगले ही दिन ढेर हो गयी। वुडस्टॉक विला को आरंभिक दिनों में पंद्रह प्रतिशत दर्शक भी नहीं मिले। दर्शकों के आरंभिकरुझान से ही स्पष्ट हो गया था कि फिल्म सिनेमाघरों में टिक नहीं पाएगी। सोमवार से दर्शकों में भारी गिरावट आयी। हंसते हंसते का प्रदर्शन और भी बुरा रहा। उसे दस प्रतिशत ही दर्शक मिले। हंसते हंसते के निर्माताओं को रोते-रोते अगली फिल्म की तैयारी करनी होगी। ट्रेड विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों ही फिल्में बुरी थीं, इसलिए उनका यह हाल हुआ। ताज्जुब है कि फिल्म इंडस्ट्री के अनुभवी निर्माता-निर्देशक कैसे इस तरह की फिल्मों को लेकर आश्वस्त रहते हैं और कुछ यों प्रचार करते हैं कि उनकी फिल्म नए मानदंड स्थापित कर देगी। पिछले हफ्तों में फिल्में न चलने की वजह आईपीएल को माना जा रहा है। अब तो आईपीएल खत्म हुआ। देखें, इस हफ

जोधा अकबर के १०० दिन और उसके कटे दृश्य

जोधा अकबर के १०० दिन हो गए.इन दिनों हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री में १०० दिनों और ५० दिनों की भी पार्टियाँ होती हैं.पहले फिल्में सिल्वर जुबली और गोल्डेन जुबली मनाती थीं.२१ वीं सदी में सिल्वर और गोल्डेन जुबली सपना हो गई हैं.आजकल तो पहले दिन की अच्छी शुरूआत हो जाए तो अल दिन या रविवार तक सुपर हित के पोस्टर लग जाते हैं.जन्नत के साथ ऐसा हुआ है। बहरहाल,जोधा अकबर के १०० दिन पूरे होने के अवसर पर निर्देशक और निर्माता आशुतोष गोवारिकर ने पार्टी दी.चवन्नी भी वहाँ गया था.इस पार्टी में उन्होंने फ़िल्म के कटे हुए दृश्य दिखाए.आशुतोष ने बताया की उन्होंने पहले सब कुछ स्क्रिप्ट के मुताबिक शूट कर लिया था.बाद में फ़िल्म संपादित करते समय उन्होंने दृश्य काटे. इस मौके पर उन्होंने सारे कटे दृश्य दिखाए.कुछ अत्यन्त मार्मिक और महत्वपूर्ण दृश्य थे,लेकिन फ़िल्म की लम्बाई की वजह से उन्हें रखने का मोह आशुतोष को छोड़ना पड़ा। अकबर के दरबार में बीरबल की एंट्री का दृश्य रोचक और जानदार था.कैसे महेश दास नाम का व्यक्ति अकबर को अपनी हाजिरजवाबी से खुश करता है और दरबार में जगह पाता है.कैसे मुल्ला दो प्याजा उसे दरबार में आने से रोकने

अभिषेक बच्चन से अजय ब्रह्मात्मज की बातचीत

अभिषेक बच्चन की पहली फिल्म से लेकर आज तक जितनी भी फिल्में आयीं है सभी में उनका अलग अंदाज देखने को मिला। प्रस्तुत है अभिषेक से बातचीत- अभिषेक इन दिनों क्या कर रहे हैं? शूटिंग कर रहा हूं। दिल्ली-6 की शूटिंग कर रहा था। उसके बाद करण जौहर की फिल्म कर रहा हूं, जो तरूण मनसुखानी निर्देशित कर रहे हैं। फिर रोहन सिप्पी की फिल्म शुरू करूंगा। काम तो है और आप लोगों के आर्शीवाद से काफी काम है। सरकार राज आ रही है। उसके बारे में कुछ बताएं? सरकार राज, सरकार की सीक्वल है। इसमें फिर से नागरे परिवार को देखेंगे। सरकार जहां खत्म हुई थी, उससे आगे की कहानी है इसमें। नयी कहानी है और नयी समस्या है। इसमें ऐश्वर्या राय भी हैं। मैं तो बहुत एक्साइटेड हूं। ऐश्वर्या इस फिल्म में बिजनेस वीमैन का रोल निभा रही हैं। वह नागरे परिवार के सामने एक प्रस्ताव रखती हैं और बाद में उस परिवार के साथ काम करती हैं। द्रोण के बारे में क्या कहेंगे? सुपरहीरो फिल्म है? सब लोग द्रोण को सुपरहीरो फिल्म समझ रहे हैं। वह सुपरहीरो फिल्म नहीं है। हां, मैं फिल्म का हीरो हूं, लेकिन सुपरहीरो नहीं हूं। द्रोण एक फैंटेसी फिल्म है। उस फिल्म का थोड़ा सा का