अमिताभ बच्चन पर जयप्रकाश चौकसे के दो पुराने लेख
मुझे ये दोनों लेख अमित जैन के सौजन्य से प्राप्त हुए। जयप्रकाश चौकसे धनी हैं कि उनके ऐसे प्रशंसक पाठक हैं,जिन्होंने उनकी रचनाएं संभाल कर रखी हैं। आप सभी कुछ लिखना या भेजना चाहें तो स्वागत है। पता है... brahmatmaj@gmail.com अमिताभ हुए पचपन के जयप्रकाश चौकसे ग्यारह अक्टूबर को अमिताभ बच्चन पचपन के हो गए हैं। इस समय वे अपने जीवन के भीषण संघर्ष काल से गुजर रहे हैं, परंतु ये संघर्ष बोफोर्स के आरोप वाले काले खंड के संघर्ष से कम वेदनामय है, क्योंकि अफवाहों के उन अंधड़ वाले दिनों में उन्हें देशद्रोही तक करार दिया था। सुभाष घई और राहुल रवैल ने अपनी निर्माणाधीन फिल्मों को निरस्त कर दिया था। मौजूदा संकट में उन्हें पहली बार वादे से मुकरना पड़ा कि बैंगलोर की अपाहिज बच्चों की संस्था को वे पचास लाख के बदले केवल 20 रु. दे पाए। अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता की असफलता ने अमिताभ की कंपनी को बहुत कष्ट में डाल दिया। प्राय: आयोजन धन कमाते हैं, परंतु विवादों के कारण अमिताभ को घाटा सहना पड़ा। घाटे के बावजूद उन्होंने 20 लाख रु. स्पास्टिक संस्थान को दिए। अब चायक आक्रामक मुद्रा