दरअसल : नया क्लब है 200 करोड़ का


-अजय ब्रह्मात्‍मज
    100 करोड़ क्लब का लक्ष्य पुराना हो गया। कामयाब फिल्मों का नया क्लब 200 करोड़ का है। खानत्रयी के अलावा अजय देवगन,अक्षय कुमार,रितिक रोशन,अभिषेक बच्चन पहले ही 100 करोड़ के  क्लब में दाखिल हो चुके हैं। इस साल अर्जुन कपूर और सिद्धार्थ आनंद भी इसमें प्रवेश कर गए। वरुण धवन और कुछ नए स्टार भी करीब पहुंच चुके हैं। दस्तक दे रहे हैं। लोकप्रिय स्टारों को 100 करोड़ की चिंता नहीं रहती। पिछले दिनों शाह रुख खान ने कहा ही कि 100 करोड़ का कलेक्शन तो आम बात हो गई है। बढ़ती प्रिंट संख्या,मल्टीप्लेक्स,टिकट के बढ़े मूल्यों से पहले ही हफ्ते में चार-पांच दिनों के अंदर 100 करोड़ का आंकड़ा छूना आसान हो गया है। बशर्ते फिल्म में कोई पॉपुलर स्टार हो। एक-दो गाने हिट हो गए हों। आयटम नंबर हो। मनोरंजन के इन तत्वों से 100 करोड़ के क्लब की सदस्यता मिल जाती है। वैसे अभी तक तीन शुक्रवार से रविवार के तीन दिनों के वीकएंड में 100 करोड़ का जादुई आंकड़ा किसी फिल्म ने नहीं छुआ है। ‘सिंघम रिटन्र्स’ से उम्मीद बंधी थी,लेकिन फिल्म अगले ही दिन फिसल गई थी।
    2 अक्टूबर को रिलीज हुई ‘बैंग बैंग’ से उम्मीद थी कि वह जल्दी से 100 करोड़ का पड़ाव छूने के बाद तेजी से 200 करोड़ की तरफ बढ़ जाएगी। ऐसा हो नहीं सका। पहले दिन ही फिल्म का कलेक्शन 30 करोड़ से कम रहा और फिर अगले दिन से फिसलन जारी हो गई। चूंकि ‘बैंग बैंग’ अपेक्षाकृत महंगी फिल्म है,इसलिए जरूरी है कि यह 200 करोड़ से अधिक का व्यापार करे। पिछले हफ्ते के सोमवार से इस फिल्म का कलेक्शन कच्छप गति से चल रहा है। ट्रेड पंडित और जानकार भी मानते हैं कि पहले दिन और पहले वीकएंड का कलेक्शन तो स्टार पावर से ऊंचा हो जाता है,लेकिन सोमवार से फिल्म का कंटेंट ही उसे संभालता है। देखा जा चुका है कि कंटेंट के सपोर्ट से ही फिल्में 200 करोड़ तक पहुंच पा रही हैं। इस साल अभी तक केवल सलमान खान की ‘किक’ ही 200 करोड़ के क्लब में पहुंच सकी है। ‘बैंग बैंग’ के लिए इस प्राइम क्लब की सदस्यता मुश्किल दिख रही है। पलट कर देखें तो पिछले साल शाह रुख खान और आमिर खान ने ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ और ‘धूम 3’ से 200 करोड़ क्लब की मजबूत शुरुआत की। उनके बाद सलमान खान भी पहुंच गए। इस साल अजय देवगन और रितिक रोशन इस क्लब में आते-आते रह गए।
    अब सारी उम्मीदें दीवाली पर रिलीज हो रही फराह खान की ‘हैप्पी न्यू ईयर’ और राजकुमार हीरानी की ‘पीके’ पर टिकी है। शाह रुख खान देश-विदेश में अपने धुआंधार प्रचार ये यह तो जता चुके हैं कि वे ‘हैप्पी न्यू ईयर’ के लिए अधिकाधिक दर्शक जुटा लेंगे। उनके साथ दीपिका पादुकोण,अभिषेक बच्चन,बोमन ईरानी,सोनू सूद,विवानऔर फराह खान की जबरदस्त टीम सक्रिय है। पूरी टीम अनथक कोशिश कर रही है। पहली बार किसी फिल्म के प्रचार के लिए टीवी रियलिटी शो तक की कल्पना की गई है। दूसरी तरफ ‘पीके’ ने प्रचार के कार्ड नहीं खोले हैं। अभी तो केवल पोस्टर के पत्ते फेंक कर ही वे उन्माद कर चुके हैं। आमिर खान के शामिल होने के बाद ‘पीके’ के प्रचार की तीव्रता,आक्रामकता और आत्मीयता समझ में आएगी। पता चलेगा कि प्रचार किस ऊंचाई या निचाई तक गया।
    प्रचार और स्टार पावर के बावजूद कंटेंट ही दर्शकों को किसी फिल्म से बांधे ही रखता है। फिलमों के दर्शकों के समह अलग-अलग होते हैं। अभी तक भारत में किसी भी फिल्म को हिट करने में फैमिली दर्शकों का ही योगदान रहता है। फैमिली दर्शक स्वस्थ मनोरंजन की निश्चित उम्मीद के बाद ही आते हैं। सभी फिल्मों के आरंभिक दर्शक यूथ और शहरी जन होते हैं। धीरे-धीरे फिल्म के दर्शक बढ़ते हैं। ज्यादातर बेहतरीन फिल्मों के दर्शक पहले हफ्ते के बाद ही सिनेमाघरों का रुख करते हैं। दूसरे हफ्ते में पर्याप्त दर्शक तभी मिलते हैं,जब फिल्म का विषय नया और अनोखा हो। अन्यथा दर्शक अपनी बेरुखी जताने से नहीं हिचकते। अतीत में उन्होंने लोकप्रिय सितारों को भी रिजेक्ट किया है। हां,फिल्म अच्छी लगी तो इस साल के अंत तक ‘हैप्पी न्यू ईयर’ और ‘पीके 200’ करोड़ क्लब में शामिल हो जाएंगी। ऐसे लक्षण दिख तो रहे हैं।

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को