इस साल मैं काफी व्यस्त हूं-शाहिद कपूर

-अजय ब्रह्मात्मज
फिल्म जब वी मेट की कामयाबी के बाद शाहिद कपूर चर्चा में आ गए। इन दिनों वे न केवल विद्या बालन और सानिया मिर्जा, बल्कि फिल्म किस्मत कनेक्शन को लेकर भी चर्चा में हैं। प्रस्तुत हैं शाहिद कपूर से हुई बातचीत के अंश..
फिल्म किस्मत कनेक्शन से क्या उम्मीदें हैं?
फिलहाल मैं खुश हूं। मैंने फिल्म देखी है और मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि हम लोगों ने जिस रूप में इस फिल्म के बारे में सोचा था, फिल्म बिल्कुल वैसी ही बनी है। इस खुशी के साथ दर्शकों के रिऐक्शन के बारे में जानने की उत्सुकता है। अंतिम फैसला तो वही करेंगे! यह फिल्म रोमांटिक कॉमेडी है। उम्मीद है, लोग फिल्म को पसंद करेंगे।
अजीज मिर्जा के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
शुरू में थोड़ी उलझन थी। हालांकि मुझे यही लगता था कि मैं 27 साल का हूं और अजीज अंकल साठ से ज्यादा के हैं। हमारा कनेक्शन मालूम नहीं कैसा होगा! लेकिन मैं चकित हुआ कि वे इंडस्ट्री के युवा निर्देशकों से ज्यादा रिलैक्स और यंग हैं। दरअसल, अजीज अंकल ऐक्टर के प्रिय डायरेक्टर हैं।
क्या खासियत है इस फिल्म में?
अजीज अंकल की फिल्मों की यही खूबी है कि वे सच्चाई के आसपास होती हैं। उनके किरदारों से लोग जुड़ाव महसूस करते हैं। उनके हीरो-हीरोइन कभी लार्जर दैन लाइफ नहीं होते! उनका हीरो कभी अच्छाइयों का पुतला नहीं होता। उनके हीरो में इनसान की तरह अच्छी-बुरी बातें रहती हैं। किस्मत कनेक्शन में उनकी पहले की फिल्मों की तरह रोजमर्रा की परेशानियां हैं। उन परेशानियों से किरदार कैसे जूझते हैं, यही इसमें दिखाया गया है। इस फिल्म में मेरा किरदार आम जिंदगी से लिया गया है। उसकी उम्र 26 की हो गई है। वह अभी तक करियर को अपना नहीं सका है!
कितना डिफरेंट है यह किरदार जब वी मेट के हीरो से?
मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि इस फिल्म में मेरा किरदार जब वी मेट से बहुत अलग है। वह थोड़ा चुपचाप रहता था। वह अमीर खानदान से था, लेकिन इस फिल्म में मैं लाउड कैरेक्टर निभा रहा हूं। वह स्मार्ट है। वह लोगों से अपनी बात मनवा लेता है। उसके पास खाने-पीने या गाड़ी पेट्रोल भराने के भी पैसे नहीं होते, तो वह अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करता है। अपनी स्मार्टनेस से दूसरों को प्रभावित करता है। यह बिल्कुल आज का किरदार है।
किस्मत कनेक्शन नाम से लगता है कि भाग्यवादी फिल्म होगी?
यह भाग्य और किस्मत की बातें जरूर हैं, लेकिन उन फिल्मों की तरह नहीं है, जो आपको भाग्यवादी बना देती हैं या फिर बोर करती हैं! यह हल्की-फुल्की फिल्म है। इसको लोग चार बार भी देख सकते हैं। फिल्म में किसी प्रकार की नेगॅटिव फीलिंग नहीं है और न ही किसी प्रकार की रिग्रेसिव सोच है। जिंदगी को सीरियस नजरिए से न लेते हुए हल्के अंदाज में कुछ बातें कही गई हैं।
फिल्म में किस्मत की बात आपके प्रेम के संदर्भ में आई है या करियर के संदर्भ में?
इसमें मेरे कैरेक्टर के हर पहलू में मौजूद है किस्मत, क्योंकि किस्मत का कनेक्शन उसके करियर से ही बनता है, लेकिन उसमें रोमांस भी शामिल है। दोनों ही मामलों में किस्मत उसके काम आती है।
कहा जा रहा है कि आपने ज्यादातर निर्माताओं को किस्मत कनेक्शन की रिलीज के लिए रोक रखा है?
इस साल मैं काफी व्यस्त हूं। मुझे फिल्में छोड़नी पड़ी हैं। फिर मैं किसी से क्यों इंतजार करवाऊंगा! मेरी चार फिल्में घोषित हो चुकी हैं। केन घोष की फिल्म आधी बन चुकी है। विशाल भारद्वाज की फिल्म की शूटिंग कर रहा हूं। उसके बाद पापा की फिल्म शुरू होगी और इस बीच यशराज की फिल्म भी शुरू करूंगा। मेरा यह नजरिया नहीं रहता कि किसी फिल्म के नतीजे के लिए इंतजार करूं! मुझे फिल्में अच्छी लगें, तो तीन-चार के लिए हां कह दूंगा। नहीं पसंद आए, तो बैठा रहना पसंद करूंगा। अच्छी चीज तो कहीं से भी आ सकती है।
आप आशुतोष गोवारीकर की फिल्म नहीं कर सके, ऐसे ही कुछ और डायरेक्टर होंगे..?
आशुतोष की फिल्म नहीं कर पाने का मुझे अफसोस है। मैं उनकी फिल्मों का प्रशंसक रहा हूं। उनकी लगान मेरी प्रिय फिल्म है। फिल्ममेकर के रूप में मैं उनकी बेहद इज्जत करता हूं। उन्हें मुंबई के एक खास मौसम में फिल्म शूट करनी थी और उन तारीखों में दो फिल्मों की शूटिंग कर रहा था, इसलिए मन मारकर न कहना पड़ा। यह मेरा नुकसान है।
विद्या बालन की अपनी पहचान है। उनके साथ कैसी निभी?
विद्या बेहद संवेदनशील ऐक्ट्रेस हैं। उन्हें ज्यादातर इंडियन रोल में ही देखा गया है। इस फिल्म में उन्हें अलग रोल मिला है। अपने रोल के लिए वे बिल्कुल सही हैं। व्यक्ति के रूप में वे बहुत अच्छी हैं। मेरी उनके साथ अच्छी निभती है। उनके साथ काम करने में मजा आया। उन्हें लेकर जिस तरीके की बातें की जा रही हैं, वे फिल्म देखने के बाद दूर हो जाएंगी।

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