फिल्‍म समीक्षा : अजब प्रेम की गजब कहानी

-अजय ब्रह्मात्‍मज

यह फिल्म प्रेम यानी रणबीर कपूर की है। वह जेनी का पे्रमी है। जेनी उसे बहुत पसंद करती है। आखिरकार उसे महसूस होता है कि उसका असली प्रेमी तो प्रेम ही है। वह उसके साथ घर बसाती है।

फिल्म को देखते हुए साफ तौर पर लगता है कि राजकुमार संतोषी ने रणबीर और कैटरीना के चुनाव के बाद फिल्म की कथा बुनी है, क्योंकि हर दृश्य की शुरुआत और समाप्ति दोनों में से किसी एक कलाकार से ही होती है। इसे निर्देशक की सीमा कह सकते हैं या हिंदी फिल्मों के बदलते परिदृश्य में स्टारों का केंद्रीय महत्व मान सकते हैं।

फिल्म का उद्देश्य हंसाना है, इसलिए शुरू से आखिर तक ऐसे दृश्यों की परिकल्पना की गई है जो दर्शकों को गुदगुदा सके। यह एक सामान्य कामेडी फिल्म है, और यह कहा जा सकता है कि राजकुमार संतोषी की ही एक अन्य फिल्म अंदाज अपना अपना से इसकी कामेडी कमजोर है। यह फिल्म मुख्य तौर पर रणबीर कपूर पर निर्भर है हालांकि वह दर्शकों को निराश भी नहीं करते। प्रेम के किरदार में उनके अभिनय का आत्मविश्वास निखार पर दिखाई देता है। वह हर अंदाज में प्यारे लगते हैं, क्योंकि उन्होंने पूरे मनोयोग और विश्वास से अपने किरदार को निभाया है। उन्होंने एक प्रसंग में शम्मी कपूर की तरह खूब सिर हिलाया है।

डांस सिक्वेंस में उनकी अदाएं आकर्षक हैं। निश्चित ही रणबीर कपूर युवा पीढ़ी के अग्रणी और समर्थ स्टारों में से एक हैं। इस फिल्म में वह साबित करते हैं कि हास्य प्रधान फिल्मों में भी वह कमाल कर सकते हैं। यह फिल्म मुख्य रूप से रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ पर केंद्रित है, इसलिए बाकी किरदारों को अपेक्षित महत्व नहीं मिला है। केवल प्रेम के पिता के रूप में दर्शन जरीवाला अपने कद्दावर व्यक्तित्व के कारण ध्यान खींचते हैं। अन्यथा गोविंद नामदेव, जाकिर हुसैन, प्रेम के चारों दोस्त और कैटरीना का मंगेतर सभी कैरी केचर हो गए हैं। जाकिर हुसैन जैसे समर्थ अभिनेता को जानी लीवर की शैली अपनानी पड़ी है। यह निर्देशक का ही दबाव होगा। अंतिम दृश्य की लंबी झड़प में कार्टून बनते किरदारों को देख कर हंसी आती है, लेकिन यह हंसी सुने गए लतीफे को फिर से सुनने की हंसी है। उससे ज्यादा और गहरा प्रभाव नहीं बन पाता।

रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की केमिस्ट्री की काफी चर्चा थी। इतनी केमिस्ट्री तो हर फिल्म के नायक-नायिका के बीच दिखती है। दोनों की जोड़ी सिल्वर स्क्रीन पर विशेष प्रभाव नहीं छोड़ पाई। अलबत्ता, यह जरूर कहा जा सकता है कि कैटरीना कैफ खूबसूरत गुडि़या के सांचे से बाहर निकलती दिखाई पड़ी हैं। राजकुमार संतोषी ने उनसे अभिनय करवाने की कोशिश की है।

***

Comments

RAJNISH PARIHAR said…
matlab kam se kam bor to nahin hai naa....

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

फिल्‍म समीक्षा : आई एम कलाम